भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के ओहदे से रिटायर होने के बाद उत्तराखंड के राज्यपाल बनाए गये गुरमीत सिंह हैदराबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (Sardar Vallabhbhai Patel National Police Academy) में दौरा करने के बाद वहां के वातावरण और प्रशिक्षण आदि से जुड़ी व्यवस्था देखकर प्रभावित हुए. उन्होंने यहां शहीद आईपीएस अधिकारियों की स्मृति में बनाए गये स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित करके श्रद्धांजलि दी.
हैदराबाद पुलिस अकादमी के दौरे की तस्वीरें अपने ट्वीटर हैंडल पर जारी करते हुए उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरमीत सिंह ने इसे प्रभावशाली संस्थान बताया. उन्होंने कहा कि प्रतिष्ठित सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी का दौरा किया. यहां उनको पुलिस नेतृत्व, प्रशिक्षण, पुलिस नज़रिये, प्रशिक्षण कार्यक्रम, आधुनिकीकरण और उद्देश्यों के बारे में गहराई से जानकारी दी गई.
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह ने हैदराबाद पुलिस अकादमी (Hyderabad police academy) के विभिन्न हिस्सों को बड़े ही रुचिपूर्ण तरीके से देखा. उन्होंने यहां के भवन, रखरखाव और प्रशिक्षण क्षमता बढ़ाने की विस्तार योजना की तारीफ़ की. उन्होंने यहां विभिन्न अधिकारियों के साथ बातचीत की. जनरल गुरमीत सिंह ने सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी में पौधा भी लगाया और अधिकारियों के साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाया.
इतिहास और काम :
हैदराबाद – बंगलुरु राष्ट्रीय राजमार्ग पर हैदराबाद से तकरीबन 8 किलोमीटर के फासले पर 277 एकड़ क्षेत्र में सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी बनाई गई है जो भारत के लौहपुरुष (ironman of india ) सरदार पटेल के नाम पर है. वे आज़ाद भारत के पहले गृह मंत्री थे और इस तरह के संस्थान को बनाने के पीछे उन्हीं का दिमाग था जिसमें पूरे भारत के वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को एक जैसी ट्रेनिंग दी जा सके.
सबसे बड़ा संस्थान :
ये अकादमी भारत में पुलिस के प्रशिक्षण का सबसे बड़े स्तर का संस्थान है. यहीं पर भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाती है. यहां के कोर्स को पास करने के बाद वे आईपीएस अधिकारी बनते हैं और उनकी पहली तैनाती एएसपी रैंक पर होती है. ये सभी राज्यों के कैडर के आईपीएस अधिकारियों को ट्रेंड करने का केंद्रीकृत संस्थान है. सभी राज्यों के आईपीएस अधिकारियों के कैडर को केंद्रीय गृह मंत्रालय नियंत्रित करता है. इन अधिकारियों को नियुक्त करने और नौकरी से हटाने की शक्ति भारत के राष्ट्रपति के पास होती है.
होटल में भी चलाई गई अकादमी :
सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी को पहले सेन्ट्रल पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज (Central Police Training College) का नाम दिया गया था जो 15 सितंबर 1948 को राजस्थान के माउंट आबू में स्थापित किया गया था. ये जगह दरअसल सेना की बैरेक थीं जो खाली पड़ीं थीं. साल भर बाद सेना ने इसे अपने इस्तेमाल के लिए खाली करवाया तो इसे पहले माउंट आबू के राजपुताना होटल में और फिर आबू लॉरेंस स्कूल जैसे किराए के भवनों में स्थानांतरित करते हुए चलाया गया. इसे वर्तमान नाम 1967 में दिया गया.