वकील ने थप्पड़ मारा, सिस्टम से हारी सिपाही फैज़ा नवाज़ का इस्तीफ़ा

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सिपाही फैज़ा नवाज़ को जिस वकील ने थप्पड मारा उसे गिरफ्तार कर ले जाती सिपाही फैज़ा नवाज़. बाद में उसे रिहा कर दिया गया.

पाकिस्तान की पुलिस में एक तरफ पहली हिन्दू अधिकारी पुष्पा कोहली के आने की खुशनुमा चर्चा चल रही है वहीं इससे उलट हुई दूसरी घटना ने साबित किया है कि पुलिस तंत्र में महिलाओं का कितना सम्मान और ख्याल रखा जाता है. पाकिस्तान में सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे महिला पुलिसकर्मी के उस वीडियो ने पुलिस तन्त्र की पोल खोल दी है जिसने एक वकील को गलत तरीके से कार पार्क करने से रोका था और वकील ने उसे थप्पड़ मार दिया था. मामले की एफआईआर दर्ज करके वकील को गिफ्तार तो किया गया लेकिन दो दिन बाद ही वकील को ज़मानत मिल गई. जिस तरीके से ये सब हुआ उसने इस महिला सिपाही को इस्तीफ़ा देने को मजबूर कर दिया. फैज़ा नवाज़ का कहना था कि वो ताकतवर भ्रष्ट माफिया का सामना नहीं कर सकती.

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में तैनात इस पंजाब पुलिस की इस सिपाही फैज़ा नवाज़ ने आपबीती का वीडियो बनाकर जारी किया है जिसमें उसने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी और पाकिस्तान के चीफ जस्टिस आसिफ सईद खोसा से इन्साफ की गुहार लगाते हुए सवाल किया है, ‘मैं मर जाऊं या खुदकशी कर लूं? ‘

सिपाही फैज़ा नवाज़ वीडियो पर अपनी आपबीती सुनाती हुई.

पंजाब के शेखूपुरा के फ़िरोज़वाला कस्बे में तैनात सिपाही फैज़ा नवाज़ ने अहमद मुख्तार नाम के एक वकील को गलत तरीके से कार पार्क करने को रोका और ऐतराज़ किया था. तभी तैश में आकर अहमद मुख्तार ने फैज़ा को थप्पड़ मर दिया. फैज़ा की शिकायत पर मामला दर्ज करके वकील मुख्तार को गिरफ्तार किया गया लेकिन जब शनिवार को अदालत में पेश किया गया तो जज ने इस आधार पर ज़मानत दे दी कि एफआईआर में मुल्ज़िम का नाम गलत लिखा गया है. असल में एफआईआर में अहमद मुख्तार की जगह वकील का नाम अहमद इफ्तिखार लिखा था.

फैज़ा ने इस पूरे मामले का जो वीडियो बनाया है उसमें इलज़ाम लगाया है कि उनके ही महकमे के कुछ लोगों ने वकील को बचाने के लिए जानबूझकर एफआईआर में गड़बड़ी की. सिपाही फैज़ा नवाज़ ने वीडियो में कहा, ‘मुझे ये कहते बेहद अफ़सोस होता है कि लोगों की मदद करने के मकसद से बेहद फख्र के साथ पुलिस महकमे में आई थी लेकिन मुझे ही अपने साथ इन्साफ होता नहीं दिखाई दे रहा. फैज़ा का इतना तक कहना था कि कुछ वकील तो मिलकर उनका चरित्रहनन तक करने लगे जबकि वो तो महज़ अपनी ड्यूटी कर रही थी.