कुछ साल पहले तक घर घर जाकर साबुन शैम्पू जैसा सामान बेचकर अकेले दम पर अपने नन्हें से बच्चे को पालने का संघर्ष करते हुए जिंदगी के सबसे मुश्किल दौर से गुजरी आनी शिवा अब एक ऐसी शख्सियत हो गई हैं कि हर कोई उनका मुरीद बन रहा है. परिवार और पति से अलग होकर रहने पर मजबूर हुई केरल की आनी शिवा जब पुलिस में अधिकारी बन कर थाने में पहुंची तो सबके लिए हैरान होने वाले पल थे. ये वही महिला थी जो इसी थाने के इलाके के एक मठ में आने वालों को टॉफी – चाकलेट और नींबू पानी बेचती दिखाई पड़ती थी.
केरल के थिरुवनंतपुरम की मूल निवासी 31 वर्षीया आनी शिवा अब वरकला थाने में सब इंस्पेक्टर तो हैं ही , साथ ही जीवन में विपरीत परिस्थितियों और संघर्षों का सामना करते वाले उन लोगों का हौसला बढ़ाने वाली मिसाल है जो हताश या निराश होने लगते हैं. फ़िल्मी सितारों से लेकर , लेखक , सेलिब्रिटीज़, नेता और मंत्री तक सब इंस्पेक्टर आनी शिवा की तारीफ करते हुए उनकी कहानी को सोशल मीडिया पर शेयर कर रहे हैं. फेसबुक (facebook) और ट्वीटर (twitter) के ज़रिए अख़बारों और व्हाट्स ऐप पर छाई सिंगल मदर (single mother ) आनी शिवा खास तौर से उन महिलाओं के लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं जो अपनी मर्जी और स्वाभिमान के साथ जीने के लिए इस ज़माने से लड़ रही हैं.
बागी प्रवृत्ति की बनी आनी शिवा की जिंदगी फ़िल्मी सी लगने वाली एक असल कहानी है जिसमें संकट और संघर्ष की शुरुआत तब हुई जब 18 साल की उम्र में आनी शिवा को एक नौजवान से मोहब्बत हुई . उस वक्त वो थिरुवनंतपुरम के कांजीरमकुलम राजकीय महाविद्यालय (Kanjiramkulam Government College ) में पढ़ती थी. दोनों ने जल्द शादी कर ली और जल्द ही उनके घर में संतान के तौर पर एक बेटा भी आ गया. लेकिन ये खुशहाल जीवन की शुरुआत नहीं अंत था. प्रेमी से पति और फिर पिता बने उस नौजवान की आनी से पटरी नहीं बैठी. दो साल की शादी में दोनों के बीच सम्बन्ध इतने खराब हो गये कि आनी शिवा को अपने 8 महीने के बेटे शिवसूर्य के साथ घर छोड़ना पड़ा.
शादी से पहले ही नाराज़ मायके वालों से तिरस्कृत की जा चुकी आनी शिवा ने दूधमुहे इकलौते बच्चे के साथ अपनी ज़िन्दगी अकेले दम पर जीने का संकल्प लिया. वो अपनी नानी के घर के पास एक झोपड़ीनुमा घर में रहने लगी. तब आनी की उम्र सिर्फ 21 साल थी. छोटा मोटा काम करके , घर घर सामान बेचकर आनी शिव ने अपना और बच्चे का पेट पालने के तरीके खोजे. लोगों के घरों में जाकर रोजमर्रा की ज़रुरत का सामान बेचने से लेकर बैंक में जाकर वहां आने वाले कस्टमर्स को बीमा पॉलिसी बेचना … ऐसा कुछ न कुछ वो करती रही. इसी बीच किसी ने आइडिया दिया कि वरकला और उसके आसपास उत्सव मैदान में घूमने आने वालों को आइस क्रीम और नींबू पानी बेचकर ठीक ठाक मुनाफा हो सकता है. आनी शिवा ने ये काम भी शुरू कर दिया.
इसी के साथ आनी शिवा ने अपनी पढ़ाई फिर से शुरू की डिस्टेंस लर्निंग के ज़रिये. इस बीच रहने के लिए जब किराए का मकान लेने की कोशिश तो ‘ सिंगल मदर ‘ होने के कारण लोग उन्हें मकान देने में हिचकते थे. ऐसे में कई तरह के सवाल भी खड़े किये जाते थे. अपनी छवि को बोल्ड बनाने के लिए आनी शिवा ने लम्बे बाल कटवाये और ब्वाय कट ( boy cut ) हेयर स्टाइल अपनाया. आनी शिवा ने द इंडियन एक्सप्रेस से एक इंटरव्यू के दौरान इस बात का ज़िक्र करते हुए कहा कि इस हेयर स्टाइल ने उन्हें लोगों की घूरती नज़रों से बचाया. आनी शिव कहती हैं , ” इस स्टाइल के कारण मैं कहीं भी सो सकती थी “.
आनी शिवा का कहना है कि उनके पिता का सपना था कि उनकी बेटी आईपीएस अधिकारी बने जिसे मैं पूरा करना चाहती थी. इसके लिए मैंने कड़ी मेहनत करनी शुरू की. एक टीवी चैनल से इंटरव्यू के बीच आनी का कहना था, ” मैंने अपने पिता के सपने को सच करने को मिशन बना लिया. जिंदगी के हालात पर रोते रहने का कोई मतलब नहीं होता. कूदना तो पड़ेगा. हमारी पराजय तब तक नहीं होती जब तक हम खुद हारा हुआ न समझें “.
आनी शिवा ने 2016 में केरल पुलिस में परीक्षा पास की और भर्ती भी हो गई. तीन साल बाद उन्होंने सब इंस्पेक्टर के लिए आयोजित परीक्षा भी दी और उसे पास कर लिया. 18 महीने की ट्रेनिंग के बाद आनी शिवा ने प्रोबेशनर सब इन्स्पेक्टर के तौर पर वरकुला थाने से करियर की एक अहम शुरुआत की. इस मौके पर आनी शिवा ने अपनी फेसबुक वाल पर लिखा , ” दस साल पहले मैं वरकला शिवगिरी तीर्थ में आने वाले लोगों को आइस क्रीम और नींबू पानी बेचती थी. आज मैं उसी जगह पर मैं पुलिस सब इंस्पेक्टर बन के लौटी हूँ. अपने बीते कल से इससे अच्छा और क्या बदला लिया जा सकता है”.
केरल पुलिस ने आनी शिवा के जीवन की संघर्ष भरी कहानी को अपने आधिकारिक फेसबुक अकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा है कि ये हमारे सहकर्मी की ऐसी संघर्ष गाथा है जो दृढ है. सब इंस्पेक्टर आनी शिवा के संघर्षों भरे जीवन और कामयाबी भरी कहानी ने बहुत लोगों का मन जीता है. केरल के अभिनेता उन्नी मुकुन्दन ने पोस्ट करके कहा है , ” बड़ी बिन्दी लगाने से नहीं बल्कि बड़े सपनों के जरिये असली महिला सशक्तिकरण होता है. असल योद्धा और सबके लिए प्रेरणा”. वहीं स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज लिखती हैं , ” जब पति और पेरेंट्स ने गलियों में अकेले छोड़ दिया तब उसने जीवन की चुनौतियों का सामना करते हुए छोटे से बच्चे का लालन पालन किया , स्नातक और स्नातकोत्तर तक की डिग्री हासिल की . एक हाकर से सब इन्स्पेक्टर बनी, वो दुनिया भर की महिलाओं के लिए ऊर्जा का स्त्रोत है “.
जाने माने लेखक , पूर्व केन्द्रीय मंत्री और केरल से कांग्रेस के सांसद शशि थरूर लिखते हैं , ” योद्धा मां एस पी आनी की जीवनगाथा बहुत प्रेरणादायक है. वो सफल जीवन और मानसिक शक्ति की मॉडल हैं”.