सुरक्षा बलों की कार्रवाई से बौखलाए आतंकवादी गुट जम्मू कश्मीर में लगातार ‘टारगेट किलिंग्स ‘ (target killings ) कर रहे हैं . जम्मू कश्मीर पुलिस ( jammu kashmir police ) के सब इंस्पेक्टर फारूक अहमद मीर की हत्या की वारदात को भी इसी सिलसिले की एक कड़ी माना जा रहा है. कश्मीर ज़ोन पुलिस के मुताबिक एसआई फारूक अहमद मीर का शव आज सुबह उनके गांव सम्बूरा में घर के पास धान के खेत से मिला. उनके सीने पर गोली लगने का निशान पाया गया है.
एसआई फारूक अहमद मीर इंडियन रिजर्व पुलिस (IRB ) की 23 बटालियन में तैनात थे और छुट्टी के कारण घर पर थे. शाम को वे खेत पर काम के लिए घर से गए थे जहां आतंकवादियों ने पिस्तौल से गोली मारकर उनकी हत्या कर डाली.
एसआई फारूक मीर अहमद का गांव पुलवामा ज़िले की पामपोर तहसील में है. फारूक अहमद मीर 23 आईआरबी बटालियन सीटीसी लथपूरा में उस एसआई ( मिनिस्टीरियल ) के पद पर थे जहां आमतौर पर दफ्तरी काम होता है. जम्मू कश्मीर में इसी साल आतंकवाद से जुड़ीं घटनाओं में जान गंवाने वाले एसआई फारूक अहमद मीर नौंवें पुलिसकर्मी हैं. दो पुलिसकर्मी आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में मारे गए थे जबकि 7 टारगेट किलिंग का शिकार हुए . इनमें ज्यादातर पर हमला तब किया गया जब वे ड्यूटी पर नहीं थे.
इसी साल जनवरी से अब तक 6 महीने में जम्मू कश्मीर में अलग अलग इलाकों में आतंकवादी चुन चुन कर पुलिसकर्मियों , सरकारी कर्मचारियों और गांव प्रधान समेत तकरीबन 20 लोगों की हत्या कर चुके हैं. ज्यादातर की हत्या उनके कामकाज की जगह या घर पर नज़दीक से गोली मारी गई है. हालांकि सुरक्षा बलों ने दावा भी किया है कि इनमें से कुछ वारदात को अंजाम देने वाले आतंकवादी मुठभेड़ में मारे भी गए हैं. लगता है कि किसी ख़ास मकसद और साजिश के मद्देनजर यहां टारगेट किलिंग की जा रहीं हैं.