दिल्ली पुलिस (delhi police) में तैनात भारतीय पुलिस सेवा के वरिष्ठ अधिकारी संदीप गोयल को निलंबित (sandeep goel suspend) कर दिया गया है. कुछ ही दिन पहले संदीप गोयल को दिल्ली के महानिदेशक (कारागार) के पद से हटाया गया था. संदीप गोयल पर ये कार्रवाई एक महाठग सुकेश चंद्रशेखर की लिखी शिकायती चिट्ठी के बाद की गई. सुकेश चंद्रशेखर पर 200 करोड़ रूपये के अवैध लेनदेन का केस है और वो दिल्ली की मंडोली जेल में बंद है.
सुकेश चंद्र शेखर ने इलज़ाम लगाया था कि उसने जेल में अपनी जान की हिफाजत के लिए पुलिस अधिकारी को 12 .5 करोड़ रूपये ‘प्रोटेक्शन मनी’ के रूप में दिए थे. शुरूआती जांच के साथ ही संदीप गोयल को दिल्ली की तिहाड़ जेल में महानिदेशक के दफ्तर से हटाकर दिल्ली पुलिस मुख्यालय भेज दिया गया था. उनके स्थान पर दिल्ली पुलिस के स्पेशल कमिश्नर आईपीएस संजय बेनीवाल को दिल्ली का कारागार महानिदेशक बनाकर तिहाड़ जेल भेज दिया गया था.
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने एजीएमयूटी कैडर (agmut cadre) के आईपीएस संदीप गोयल को बुधवार (21 दिसंबर 2022) को तुरंत प्रभाव से निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए. इस आदेश में कहा गया है कि 1989 आईपीएस संदीप गोयल के खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है. जांच आदेश जारी रहने तक उन्हें दिल्ली में ही रहना होगा और बिना इजाजत के मुख्यालय छोड़कर नहीं जा सकेंगे. इस दौरान वे आधे मासिक वेतन के हक़दार होंगे और ये वेतन भी उनको इस स्थिति में मिलेगा जब वे प्रमाणित करेंगे कि इस दौरान वे कहीं नौकरी नहीं करेंगे या किसी व्यवसाय आदि से आय नहीं होगी.
सुकेश चन्द्रशेखर ने दिल्ली के उपराज्यपाल को 7 अक्टूबर को लिखे पत्र में ये दावा भी किया था कि उसने आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के जेल में बंद मंत्री सत्येन्द्र जैन को 10 करोड़ रूपये ‘प्रोटेक्शन मनी’ के तौर पर दिए थे. सुकेश चंद्रशेखर का पत्र में ये भी कहना था कि उसने दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी में अहम पद पाने के लिए 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि दी थी.