मणिपुर दंगों की जांच करने वाली एसआईटी में मध्य प्रदेश से भेजे गए आईपीएस अधिकारी

84
मणिपुर में प्रदर्शन व धरना

मध्य प्रदेश पुलिस में तैनात भारतीय पुलिस सेवा के तीन अधिकारियों और एक इंस्पेक्टर को , मणिपुर में हाल ही में हुए दंगों की जांच के लिए बनाए गए  विशेष जांच दल (एस आई टी )  में शामिल करने के लिए केन्द्रीय जांच ब्यूरो में भेजा गाय है. सीबीआई (cbi ) की यह एसआईटी  सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनाई गई है . क्योंकि आदेश सुप्रीम कोर्ट का था इसलिए आदेश का पालन करने में देरी भी नहीं हुई और चारों अधिकारियों को तुरंत वर्तमान  कार्य से मुक्त कर सीबीआई भेज दिया गया .

मध्य प्रदेश शासन की तरफ से जारी एक आदेश के मुताबिक़ अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर सीबीआई में भेजा गया है . इन अधिकारियों में  दो ,  आशुतोष बागरी और आलोक कुमार सिंह  तो स्पेशल आर्म्ड फ़ोर्स ( एस ए एफ ) में कमांडेंट हैं .  इनमें आशुतोष बागरी भिंड में तैनात 17 बटालियन के सेनानी ( commandant ) के पद पर थे जबकि  आलोक कुमार सिंह शिवपुरी में 18 वीं बटालियन में तैनात  सेनानी थे  . इस बारे  में भोपाल स्थित पुलिस मुख्यालय की तरफ से आदेश जारी किए गए.

मणिपुर दंगे के दौरान आगजनी

भोपाल पुलिस मुख्यालय ने  सहायक पुलिस महानिरीक्षक (महिला सुरक्षा शाखा) के पद पर तैनात  आईपीएस राजीव मिश्रा  ( ips rajeev mishra ) और भोपाल नगरीय पुलिस निरीक्षक निधि त्रिपाठी ( inspector nidhi tripathi ) को सीबीआई दिल्ली में प्रतिनियुक्ति पर भेजा है.

उल्लेखनीय है कि मणिपुर दंगों की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट  की तरफ से जारी आदेश में   कहा गया था कि जांच पर निगरानी रखने के लिए आईपीएस अधिकारियों को तैनात किया जाना चाहिए . सुप्रीम कोर्ट ( supreme court on manipur) ने राज्यों से यह भी कहा था कि इसके लिए वह जल्द से जल्द अपने अधिकारी भेजें ताकि यह मणिपुर दंगों की जांच में देरी न हो .

गौरतलब यह भी है कि राज्य में कई दिनों तक चली हिंसा को न तो पुलिस रोकने में कामयाब रही थी बल्कि मामले  दर्ज करने  में भी उसका रवैया ढीला ढाला रहा . इसके अलावा कई केस ऐसे भी सामने आए जिसमें पुलिस मूक दर्शक बनी रही ,