अपने छोटे से कार्यकाल में ही बड़ा नाम कमाने वाले कर्नाटक कैडर के 1999 बैच के आईपीएस अधिकारी के मधुकर शेट्टी का शुक्रवार को हैदराबाद में निधन हो गया. उन्हें स्वाइन फ्लू हुआ था. हैदराबाद के कांटीनेंटल हास्पिटल में एक सप्ताह से उनका इलाज चल रहा था. कल रात सवा आठ बजे मधुकर ने अंतिम सांस ली. वह जाने माने पत्रकार वदार्से रघुराम शेट्टी के पुत्र थे. उडुपी में जन्मे मधुकर की उम्र अभी महज 47 साल थी.
जेएनयू से समाजशास्त्र में एमए करने के बाद सिविल सर्विस में आये मधुकर तेज-तर्रार अफसरों में शुमार किए जाते थे. मधुकर शेट्टी ने बेल्लारी जिले में अवैध खनन घोटाले में कर्नाटक लोकायुक्त की जांच में अहम भूमिका निभाई थी.
आईपीएस अधिकारी मधुकर शेट्टी ने चिकमंगलूर जिले के पुलिस अधीक्षक के रूप में बतौर ‘जनता का अफसर’ काफी ख्याति अर्जित की थी. तब उन्होंने जिले के उपायुक्त हर्ष गुप्ता के साथ मिलकर जिले की सरकारी जमीन को कब्जा मुक्त कराया था. बाद में यह जमीन दलितों में बांट दी गई थी. इस बस्ती का नाम इन्हीं दोनों अफसरों के नाम पर ‘गुप्ता शेट्टी हल्ली’ रख दिया गया था.
इसके अलावा मधुकर शेट्टी कुख्यात तस्कर और अपराधी वीरप्पन के खिलाफ आपरेशन के अंतिम चरण में स्पेशल टास्क फोर्स में बतौर एसपी शामिल थे. वह नक्सल विरोधी अभियान में भी सक्रिय रहे. उन्होंने कोसोवो में संयुक्त राष्ट्र मिशन के तहत युद्ध अपराध जांच इकाई में भी काम किया.
मधुकर शेट्टी जितना अपने पुलिस कार्यों के प्रति समर्पित थे उतने ही समर्पित वह अपने ज्ञान को बढाने के प्रति भी थे. वह उच्च शिक्षा के लिए 2011 में अमेरिका गये. न्यू यार्क की University of Albany से उन्होंने लोक प्रशासन में पीएचडी की उपाधि हासिल की. अमेरिका से लौटने के बाद उनका प्रमोशन डीआईजी के पद पर कर दिया गया. इसके बाद कुछ समय तक वह पुलिस भर्ती विंग में रहे. फिर केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर चले गये और सरदार वल्लभभाई पटेल नेशनल पुलिस अकादमी, हैदराबाद में डिप्टी डायरेक्टर नियुक्त किए गए.