विभिन्न मामले में मुखर और मुद्दों पर अड़ने के साथ साथ सिस्टम से जूझने में तनिक भी न हिचकने वाले , भारतीय पुलिस सेवा अधिकारी अमिताभ ठाकुर अब फिर से सुर्ख़ियों में हैं. एक तो अपनी वकील पत्नी नूतन ठाकुर की सामाजिक सक्रियता के साथ साथ अब आम आदमी पार्टी (आप) की सियासत में शामिल होने की वजह से और दूसरा अपने एकदम ताज़ा ऐलान के कारण.
उत्तर प्रदेश कैडर के 1992 बैच के इस जुझारू आईपीएस ने दिल्ली के दंगों पर रिसर्च करने की घोषणा करते हुए इस मामले में सभी वर्गों की मदद मांगी हैं. उन्होंने लोगों से सूचनाएं पाने के लिए अपना व्हाट्स ऐप नंबर और मेल आईडी जारी करते हुए सोशल मीडिया पर अपील भी की है. साथ ही उन्होंने इस बात का भी ज़िक्र किया है कि इस घोषणा के बाद उन्हें तरह तरह की बातें कहीं जा रही हैं. कुछ लोगों ने तो उनको ‘पागल ‘ तक करार देते हुए टिप्पणियाँ भी की हैं.
कई बार अपने बागीपन या सियासी सिस्टम से अड़ जाने के फलस्वरूप सस्पेंशन से लेकर तरफ तरह की प्रताड़नायें झेल चुके आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर पुलिस की सेवा मं आने से पहले आईआईटी कानपुर से इंजीनियरिंग कर चुके हैं और लगातार वो और उनकी पत्नी नूतन समाज की इंजीनियरिंग में भी जोश आजमायश करते रहते हैं इस चक्कर में उन्होंने कितने ही दोस्त बनाये हैं और कुछ लोग उनके दुश्मन भी बने. ख़ास तौर से राजनीति से जुड़े लोग और कुछ अफसर भी.
तरह तरह के दबाव झेलने के बावजूद ना झुकने की वजह से बागी की छवि बना चुके अमिताभ ठाकुर यूपी के दस पुलिस जिलों में अधीक्षक रह चुके हैं. इसके अलावा भी कई और जिम्मेदारी वाले ओहदे पर रहे 52 वर्षीय श्री ठाकुर वर्तमान में उत्तर प्रदेश में सिविल डिफेन्स विभाग के महानिरीक्षक हैं. उनका कहना है कि वे , व्यक्तिगत हैसियत से , दिल्ली में हाल में हुए दंगों पर अध्ययन कर रहे हैं. इसमें दिल्ली पुलिस की भूमिका से लेकर उसके सामने हालात से निपटने में आईं चुनौतियों आदि तमाम पहलुओं का आंकलन किया जाएगा.
इस अध्ययन की घोषणा और उस पर प्रतिक्रिया से सम्बन्धित जो पोस्ट आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने Facebook पर लिखी है , वो यहाँ वैसी ही शेयर की जा रही है:
मैंने कल अपनी व्यक्तिगत हैसियत में दिल्ली में हाल में घटित हिंसक घटनाओं में दिल्ली पुलिस की भूमिका, परेशानियों, प्रदर्शन तथा चुनौती के संबंध में अध्ययन करने तथा इस अध्ययन के संबंध में कोई भी तथ्य/सुझाव/जानकारी/साक्ष्य/सहयोग होने पर मेरे मोबाइल तथा व्हाट्सएप नंबर 9415534526 तथा ईमेल amitabhthakurlko@gmail.com पर मुझे अवगत कराने का अनुरोध किया था. मुझे इस क्रम में कई उपयोगी जानकारी प्राप्त हुई है. इसके विपरीत कई लोगों ने मेरी पत्नी डॉ नूतन ठाकुर की राजनैतिक प्रतिबद्धता के कारण मेरे अध्ययन की निष्पक्षता पर गंभीर प्रश्न किये हैं. कुछ लोगों ने इस क्रम में कटु व्यक्तिगत टिप्पणियां भी की हैं तथा एक व्यक्ति ने यहाँ तक कहा- “अब तेरा कुछ नहीं हो सकता, तू पागल हो गया है, यादव ने सही इलाज किया तेरा.”
अनुरोध करूँगा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपना व्यक्तिगत मत रखने का पूर्ण अधिकार है किन्तु मैं निश्चित रूप से पूरी ईमानदारी, तटस्थता, निष्पक्षता एवं गंभीरता के साथ यह अध्ययन करना चाहता हूँ क्योंकि मेरी दृष्टि में देश की राजधानी में इस तरह की घटना का घटित होना एक गंभीर बिंदु है, जिसपर निष्पक्ष एवं गहन विचारण आवश्यक है. अतः जो साथी मुझ पर तनिक भी विश्वास कर सकते हैं, उनसे एक बार पुनः अनुरोध है कि कृपया इस अध्ययन के संबंध में कोई भी तथ्य/सुझाव/जानकारी/साक्ष्य/सहयोग होने पर मेरे मोबाइल तथा व्हाट्सएप नंबर 9415534526 तथा ईमेल amitabhthakurlko@gmail.com पर मुझे अवश्य ही अवगत कराने की कृपा करें.