आईपीएस दलजीत सिंह चौधरी सशस्त्र सीमा बल के महानिदेशक नियुक्त

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भारतीय पुलिस सेवा ( आईपीएस) के वरिष्ठ  अधिकारी दलजीत सिंह चौधरी को  सशस्त्र सीमा बल ( sashastra seema bal – एसएसबी) का महानिदेशक नियुक्त किया गया है.  केंद्र सरकार के कार्मिक मंत्रालय ने शुक्रवार को उनकी नियुक्ति बाबत आदेश जारी किये . श्री चौधरी वर्तमान में केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल ( central reserve police force ) में विशेष महानिदेशक के ओहदे पर तैनात  हैं.

भारतीय पुलिस सेवा के उत्तर प्रदेश कैडर ( up cadre ) के 1990 बैच के  अधिकारी  दलजीत सिंह चौधरी  30 नवंबर 2025  तक एसएसबी के प्रमुख बने रहेंगे . वर्तमान में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के विशेष महानिदेशक के रूप में कार्यरत हैं।

आईपीएस दलजीत की नै नियुक्ति से संबंधित  आदेश में कहा गया है कि कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने 30 नवंबर, 2025 यानी उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख तक की अवधि के लिए एसएसबी के महानिदेशक के रूप में उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है.

कुछ दिन  पहले तक एसएसबी की प्रमुख रही आईपीएस रश्मि शुक्ला  (ips rashmi shukla ) को उनके  कैडर राज्य  महाराष्ट्र भेजा गया था. फिर उनको  महाराष्ट्र पुलिस का महानिदेशक बनाया गया था. तभी से एसएसबी के चीफ का पद खाली था जिस पर अब श्री चौधरी की नियुक्ति की गई है .

उत्तर प्रदेश पुलिस में विभिन्न महत्वपूर्ण पदों पर रहे दलजीत चौधरी ने अन्य पुलिस संगठनों में भी सेवाएं दी है . श्री चौधरी विज्ञान के छात्र तो रहे ही उन्होंने क़ानून की पढ़ाई भी की है.  विभिन्न सम्मान के अलावा आईपीएस दलजीत सिंह चौधरी को तीन बार राष्टपति के वीरता के पुलिस पदक ( president’s police medal for gallantry ) से नवाज़ा जा चुका है .

एसएसबी क्या है :

जैसा कि नाम  से विदित है सशस्त्र सीमा बल भारत के सीमांत इलाकों में सुरक्षा के लिए है. इसका गठन मार्च 1963 में स्पेशल सर्विस ब्यूरो ( special service bureau ) के रूप में हुआ था. मुख्यत इसके जवानों की तैनाती भारत से लेगी चीन  और नेपाल सीमा वाले क्षेत्रों में हैं . एसएसबी की ज्यादा फ़ोर्स उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के उन इलाकों में है जो विदेशों  नेपाल व चीन को छूते हैं . एसएसबी को आंतरिक सुरक्षा के काम में भी लगाया जाता है. इसके जवान जम्मू कश्मीर में घुसपैठ व आतंकरोधी  कार्रवाइयों में भी शामिल रहे हैं . वहीँ नक्सल हिंसा प्रभावित इलाकों में भी एसएसबी तैनात होती है .

भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा प्रणाली में सुधार के लिए बने पर मंत्रियों के एक समूह की सिफारिशों के बाद , एसएसबी को भारत-नेपाल सीमा (जून, 2001) के लिए सीमाई  सुरक्षा बल और अगुआ  इंटेलिजेंस एजेंसी (एलआईए) घोषित करते हुए  और 1751 किलोमीटर  की सीमा की सुरक्षा का काम सौंपा गया. पहले इसे  उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के अलावा  बिहार के 7 जिलों से लगती  800 किलोमीटर विदेशी सीमा , पश्चिम बंगाल के   105.6 किमी सीमाई इलाके  और सिक्किम से सटी 99 किलोमीटर अन्तर्राष्ट्रीय सीमा की ज़िम्मेदारी दी गई . मार्च 2004 में, एसएसबी को सिक्किम- (32 किमी), पश्चिम बंगाल (183 किमी-2 जिलों के साथ), असम (267 किमी-4 जिलों के साथ) राज्यों के साथ भारत-भूटान सीमा के 699 किमी लंबे हिस्से की सुरक्षा का भी  काम सौंपा गया था. इसके साथ ही अरुणाचल प्रदेश के 2 जिलों से लगती 217 किलोमीटर सीमा पर भी तैनाती कर दी गई .  तब से एसएसबी का नाम बदलकर सशस्त्र सीमा बल कर दिया गया.

दिलचस्प है कि  एसएसबी ( ssb ) पहला सीमा सुरक्षा बल है जिसने महिला बटालियन बनाने  का निर्णय लिया है.  यह भारत-नेपाल और भारत-भूटान सीमा पर सीमा सुरक्षा बल के रूप में शानदार काम  कर रहा है.