गुप्तेश्वर पाण्डेय ने खाकी छोड़ खादी पहन ली

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डीजीपी गुप्तेश्वर पाण्डेय और इनसेट में जब जदयू की सदस्यता ली.

हाल ही तक बिहार के पुलिस प्रमुख रहे भारतीय पुलिस सेवा के 1987 बैच के अधिकारी गुप्तेश्वर पाण्डेय ने खाकी को वक्त से पहले त्याग कर खादी पहन ली है. रिटायर्मेंट के समय से पांच महीने पहले स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति लेने वाले 59 वर्षीय आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पांडे ने बिहार में मुख्यमंत्री नितीश कुमार के नेतृत्व वाले सत्तासीन जनता दल (यूनाइटेड) का साथ पकड़ा है. माना जा रहा है कि उन्हें बिहार में अगले महीने होने वाले विधान सभा चुनाव के समर में उतारा जाएगा. वैसे गुप्तेश्वर पाण्डेय का कहना है कि वह राजनीति नहीं जानते और मुख्यमंत्री नितीश कुमार के कहने पर जेडीयू में शामिल हुए हैं. फिलहाल आईपीएस एस के सिंघल को बिहार के डीजीपी का प्रभार सौंपा गया है.

गुप्तेश्वर पाण्डेय

गुप्तेश्वर पाण्डेय को 31 जनवरी 2019 को बिहार का पुलिस महानिदेशक बनाया गया था और उनका ये कार्यकाल 31 जनवरी 2021 को पूरा होना था. गुप्तेश्वर पाण्डेय के बयान बेशक सियासत का कारण बनते रहे हैं और हाल ही में अभिनेता सुशांत सिंह की मुंबई में मौत के मामले में बिहार में मामला दर्ज किये जाने के बाद भी वह चर्चा में आये. श्री पाण्डेय ने बताया कि उन्हें मुख्यमंत्री ने बुलाया था और पार्टी में शामिल होने के लिए कहा था. उन्होंने कहा, ” मुझे पार्टी जो भी कहेगी, करूंगा. मैं राजनीति नहीं जानता. मैं एक साधारण व्यक्ति हूँ जिसने समाज के निम्न तबके की बेहतरी के लिए काम किया है”.

1987 में ट्रेनिंग के दौरान आईपीएस अधिकारी गुप्तेश्वर पाण्डेय.

बिहार में विधानसभा चुनाव :

बिहार में विधानसभा चुनाव तीन चरणों में होंगे. पहले फेज़ की वोटिंग 28 अक्तूबर को होगी जबकि मतदान का दूसरा दौर 3 नवंबर को होगा. तीसरा यानि आखिरी मतदान 7 नवंबर को होगा. चुनाव के नतीजे का ऐलान 10 नवम्बर को मतगणना के बाद के बाद होगा.

नये पुलिस प्रमुख :

फिलहाल राज्य सरकार ने आईपीएस अधिकारी एसके सिंघल को बिहार के डीजीपी का प्रभार सौंपा है. वह भारतीय पुलिस सेवा के 1988 बैच के अधिकारी हैं. गृह विभाग के अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही डीजीपी रैंक के अफसरों के नाम का पैनल यूपीएससी को भेजा जाएगा. यूपीएससी सभी नामों पर विचार करने के बाद उनमें से तीन नाम राज्य सरकार को वापस भेजती है. इन्हीं तीन में से किसी एक अफसर को डीजीपी के पद पर नियुक्त करने का प्रावधान है.