पश्चिमी उत्तर प्रदेश के बुलंद शहर ज़िले का अगौता थाना क्षेत्र. सहायक पुलिस अधीक्षक ( एएसपी – asp) अनुकृति शर्मा ने ‘मिशन शक्ति ‘ के तहत गांव की महिलाओं से फीडबैक लेने और उनकी समस्याएं , चिंताएं आदि जानने के मकसद से चौपाल बुलाई. यह इस आईपीएस अधिकारी का रूटीन का काम है और इसमें उनकी रूचि भी रहती है. यूं भी महिला उत्थान उनकी प्राथमिकताओं में शुमार होना ही है क्योंकि इसी से जुड़े एक प्रकरण के कारण वो साइंटिस्ट बनने की बजाय अधिकारी बनने की राह पर निकलीं थीं.
खैर , गांव की इस चौपाल में आईं एक बुज़ुर्ग महिला नूरजहां ने अपनी समस्या बताई – इस भीषण गर्मी ने परेशान किया है . घर में बिजली तक नहीं तो बल्ब और पंखे का तो सवाल ही नहीं.
नूरजहां की ग़ुरबत और मजबूरी ने इस संवेदनशील इस एएसपी को मानो कुछ करने का एक और मौका दे दिया जो तीन साल पहले ही भारतीय पुलिस सेवा में आई थीं. साथ ही हर वक्त कुछ अच्छा , किसी का भला करने की सोच रखती है . अनुकृति ने इलाके के थानाध्यक्ष जितेन्द्र और बिजली विभाग की मदद से नूरजहां के कच्चे से घर पर फ़ौरन बिजली का कनेक्शन लगवाया. यही नहीं खुद जाकर सब कुछ सुनिश्चित किया और अपने सामने नूरजहां से बिजली का स्विच ऑन करवाया. बल्ब जलते ही नूर जहां का घर रोशन हुआ और सबके चेहरे मुस्कराहट से खिल उठे.

रौशनी ही नहीं नूरजहां के घर पर पंखे की हवा का इंतजाम भी कराया गया. किसी का घर रोशन हुआ हो तो इस मौके पर मिठाई तो बनती ही है . सो उसका भी इंतजाम हुआ . नूरजहां , अनुकृति समेत सबने ख़ुशी के इस पल की मिठाई का स्वाद लिया. साथ ही फोटो सेशन भी हुआ और वीडियो भी बना. वीडियो ऐसा वायरल हुआ कि खाकी का ये खूबसूरत काम और अनुकृति की संवेदनशीलता हर किसी की वह वाही लूट रही है. इसी के साथ ही अनुकृति के बारे में जानने में लोगों की दिलचस्पी दिखाई देना स्वाभाविक है .
आईपीएस अनुकृति ने इस पूरे घटनाक्रम वीडियो शेयर किया है जो बहुत पसंद किया जा रहा है . उन्होंने इसके कैप्शन में लिखा- ‘मेरे जीवन का ‘स्वदेश मोमेंट’. नूरजहां आंटी के घर में बिजली का कनेक्शन लगवाना सचमुच उनके जीवन में रोशनी लाने जैसा लगा. उनके चेहरे पर मुस्कान बेहद संतुष्टि देने वाली थी. सपोर्ट के लिए एसएचओ जितेंद्र जी और पूरी टीम को धन्यवाद.’

जैसे काम वैसा ही दिलचस्प आईपीएस अनुकृति शर्मा ( ips anukriti sharma ) के जीवन का सफ़र है . अनुकृति का जन्म 14 अक्टूबर 1987 को राजस्थान के अजमेर में एक साधारण से मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ. बारहवीं कक्षा तक की पढ़ाई राजस्थान के जयपुर में की . इसके बाद बैचलर डिग्री हासिल की. फिर पीएचडी करने के लिए 2012 में अमेरिका गई . वहां ह्यूस्टन शहर की राईस यूनिवर्सिटी में पीएचडी की पढ़ाई शुरू की लेकिन पीएचडी पूरा करने से पहले ही अनुकृति का मन देश की तरफ मुड़ गया. अनुकृति ने यह सोच कर पीएचडी की पढ़ाई छोड़ डाली कि अब देश के लिए कुछ करना चाहिए. अनुकृति अपने देश भारत लौट आई. साल 2014 में नेट जेआरएफ परीक्षा पास की और 23 वां स्थान भी हांसिल किया. इसी परीक्षा में उनके पति वैभव मिश्रा को पहली रैंक मिली. इसके बाद अनुकृति ने बनारस में अपनी ससुराल में रहकर पति के साथ सिविल सेवा की तैयारी शुरू की.
एक दिन छुटपन में ब्याही एक लड़की की व्यथा देख सुन कर अनुकृति का दिल दुखी हुआ . इसके बाद अनुकृति ने आईपीएस अधिकारी बनने की मन में ठान ली. कड़ी मेहनत के बाजूद शुरुआती प्रयास में सफलता नहीं मिली, लेकिन दूसरे प्रयास में आईआरएस बन गईं लेकिन संतुष्टि नहीं थी क्योंकि कुछ बड़ा करने का सपना अधूरा था. तीसरे प्रयास में 2020 में आईपीएस बन गईं. इसके बाद अनुकृति ने बाल विवाह कराने वाले लोगों पर कार्रवाई करनी शुरू कर दी.

अनुकृति के माता पिता सरकारी कर्मचारी थे. पिता एक विभाग के डायरेक्टर तो मां अध्यापिका थीं. वहीँ ससुराल में भी सास व ससुर दोनों ही सरकारी टीचर. अनुकृति ने यूपीएससी की परीक्षा ( upsc exam ) के लिए कभी कोचिंग नहीं ली और वह कुछ ऑनलाइन सामग्री एवं अपनी मेहनत और लगन से आईपीएस ऑफिसर बनी. वर्तमान में अनुकृति शर्मा के पति वैभव मिश्र (आरएयूएस फैकल्टी) में प्रोफेसर हैं.