सुरक्षा और पुलिस एजेंसियों के इस्तेमाल में आने वाले सुरक्षा उपकरणों के उत्पादन और व्यापार के नज़रिए से भारत कई हज़ार करोड़ डॉलर का बाज़ार बनने जा रहा है. इस पहलू से सरकारी स्तर पर काफी कुछ किया जा रहा है. ये बात भारत में निजी सुरक्षा उद्योग की शुरुआत करने वाले उद्योगपतियों में से एक और सांसद आरके सिन्हा ने पांचवीं अंतरराष्ट्रीय पुलिस एक्सपो के मौके पर सम्मान समारोह के दौरान तब कही जब वो पुलिस के आधुनिकीकरण के बारे में चर्चा कर रहे थे.
राज्यसभा में भारतीय जनता पार्टी की तरफ से सदस्य आरके सिन्हा ने 70 के दशक में पत्रकारिता छोड़कर निजी सुरक्षा के क्षेत्र में कदम रखा था और आज उनकी कम्पनी ना सिर्फ भारत बल्कि ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर और न्यूज़ीलैंड तक में कारोबार कर रही है. सांसद आर के सिन्हा ने भारत में पुलिस आधुनिकीकरण की सुस्त चाल का ज़िक्र करते हुए कहा कि इसकी रफ्तार, निर्णय लेने में होने वाली देरी की वजह से नहीं बढ़ रही थी. वैसे उन्होंने इसके लिए पुरानी सरकारों के सर पर भी ठीकरा फोड़ा. उन्होंने आंतरिक सुरक्षा को प्राथमिकता दिए जाने की ज़रूरत पर जोर दिया.
इस अवसर पर जीएमआर ग्रुप के कार्यकारी निदेशक और सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी रंजीत नारायण को लाइफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड से नवाज़ा गया. भारतीय पुलिस सेवा के यूटी कैडर के 1978 बैच के अधिकारी दिल्ली पुलिस में स्पेशल कमिश्नर से पहले कई पुलिस व सुरक्षा संगठनो में काम कर चुके हैं. वो स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप (एसपीजी) और भारत की ख़ुफ़िया एजेंसी इंटेलिजेंस ब्यूरो में भी रहे हैं. राष्ट्रपति के पुलिस मेडल से सम्मानित आईपीएस रंजीत नारायण विदेशों में भी प्रतिनियुक्ति पर रहे हैं.
नई दिल्ली के प्रगति मैदान के हाल नम्बर 8 , 9, 10 में नेक्स्जेन नाम की कम्पनी की तरफ से लगाई गई पांचवीं अंतरराष्ट्रीय पुलिस एक्सपो का कल आखिरी दिन है. भारत ही नहीं कई अन्य देशों की वो कम्पनियां इस प्रदर्शनी में हिस्सा ले रही हैं जो पुलिस और सेना के काम आने वाले तरह तरह के उपकरण बनाती हैं. इतना ही नहीं सीमा सुरक्षा बल और गुजरात पुलिस ने भी यहाँ स्टाल लगाये हैं, पहले दिन से ही प्रदर्शनी में सेना और पुलिस संगठनों के अधिकारियों की रुचि देखी गई. सीबीआई के पूर्व निदेशक डॉक्टर त्रिनाथ मिश्रा, पंजाब पुलिस से बतौर महानिरीक्षक रिटायर हुए सी पाल सिंह भी इस आयोजन से जुड़े हुए हैं.