पंजाब में हुआ ये सच में बेहद नाटकीय घटनाक्रम है. बिलकुल फ़िल्मी जिसमें एक पुलिस अफसर रिश्वत देने आए एक नेता को रंगे हाथ गिरफ्तार करव देता है. रिश्वत भी हज़ारों लाखों में नही . ऑफर पूरे एक करोड़ का था. इतनी बड़ी रकम की रिश्वत ठुकरा कर इस पुलिस अफसर ने न सिर्फ पुलिस बिरादरी और खाकी का मान सम्मान बढ़ाया बल्कि उस सिस्टम का हौसला भी बढ़ाया जो सियासी दबाव , प्रभाव या धन के लालच से खुद को मुक्त करने की कोशिश करता है . ये घटना ईमानदारी से काम करने वाले और भ्रष्टाचारियों पर नकेल डालने की ज़िम्मेदारी वाले ओहदों पर तैनात अफसरों का आत्म विश्वास बढ़ाने वाली भी है. खासतौर से इसलिए भी क्योंकि गिरफ्तार शख्स का ताल्लुक देश की सबसे प्रमुख दोनों पार्टियों से है . गिरफ्तार किया ये शख्स है कैप्टन अमरिंदर सिंह की कांग्रेस सरकार में अहम मंत्री था और अब भारतीय जनता पार्टी का नेता है.
पूरे घटनाक्रम की शुरुआत 14 अक्टूबर को हुई जब पंजाब के पूर्व मंत्री सुन्दर शाम अरोड़ा चण्डीगढ़ के पास जीरकपुर में सरस्वती अपार्टमेंट में पहुंचे . पंजाब के विजिलेंस ब्यूरो में तैनात सहायक महानिरीक्षक मन मोहन शर्मा यहां रहते हैं. श्री अरोड़ा उनकी पत्नी की असमयिक मृत्यू पर शोक व्यक्त करने के बहाने वहां पहुंचे थे. सुन्दर शाम अरोड़ा पंजाब में कांग्रेस के राज में उद्योग मंत्री थे . उनके कार्यकाल में इस विभाग में कुछ गड़बड़ियां हुई . इसमें भ्रष्टाचार की आंच की चपेट में सुन्दर शाम अरोड़ा भी आ गए . उनके खिलाफ जांच शुरू हो गई . मंत्रीपद से हटने के बाद शाम सुन्दर अरोड़ा केंद्र में सत्ताधीन भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे. 14 अक्टूबर को सुन्दर शाम अरोड़ा ने एअईजी मन मोहन शर्मा से उस मामले में फंसने से बचाने के लिए मदद मांगी. इस मदद के बदले में उन्होंने 1 करोड़ रूपये की रिश्वत देने की पेशकश भी कर डाली. वे इसकी आधी रकम यानि 50 लाख रूपये एडवांस के तौर पर अगले ही दिन देने के लिए तैयार थे.
सुन्दर शाम अरोड़ा से हुई बातचीत और रिश्वत के ऑफर के बारे में विजिलेंस व्यूरो के एआईजी मन मोहन शर्मा ने अपने वरिष्ठ अधिकारी व विजिलेंस चीफ वरिंदर कुमार को बताया जोकि भारतीय पुलिस सेवा के 1993 बैच के अधिकारी हैं. मामला सियासी शख्सियत से जुडा होने और बड़ा होने के कारण आईपीएस वरिंदर कुमार ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान से बात करके चर्चा की. इसके बाद पूर्व मंत्री सुन्दर शाम अरोड़ा को रंगे हाथ पकड़ने का विस्तृत प्लान बना. पहले सोचा गया कि सुन्दर शाम अरोड़ा को रिश्वत के 50 लाख रूपये लाने के लिए ए आई जी मन मोहन शर्मा के घर पर ही बुलाया जाए. बाद में किसी कारण इसमें रद्दोबदल किया गया और जगह तय की गई जीरकपुर मोहाली स्थित कॉस्मो मॉल. रिश्वत के 1 करोड़ रूपये में से 50 लाख की पहली किश्त लेकर सुन्दर शाम तय समय और स्थान पर पहुँच गए . जैसे ही उन्होंने मन मोहन शर्मा को 50 लाख रूपये की रकम थमाई तभी उन्हें पकड़ लिया गया.