स्मृति दिवस पर गृह मंत्री का वादा : सरकार पुलिस के कल्याण के प्रति सजग और समर्पित

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राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर स्मृति दिवस 2023 के दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह
भारत का पुलिस समुदाय आज अपने उन साथियों को सामूहिक तौर पर याद कर रहा है जिन्होंने देश की सेवा . सुरक्षा और फर्ज़ की  खातिर जीवन तक का बलिदान कर दिया. 1947 में ब्रिटिश हुकूमत से मिली आज़ादी के समय से लेकर अब तक 36950 पुलिसकर्मी अपनी ड्यूटी करते हुए जान गँवा चुके हैं. बीते एक साल में ( अगस्त 2022 से लेकर सितंबर 2023 तक ) सीमांत क्षेत्रों से लेकर देश के भीतरी भाग में आंतरिक सुरक्षा व कानून व्यवस्था को संभालने के काम में लगे 188 पुलिसकर्मियों की जान गई है.

तमाम राज्यों और पुलिस संगठनों के मुख्य परिसरों , शहीद स्मारकों आदि पर , उन पुलिसकर्मियों को याद करते हुए विभिन्न तरह के आयोजन हो रहे हैं . भारत में हर साल 21 अक्तूबर को यह आयोजन   ‘ पुलिस स्मृति दिवस ‘   ( police commemoration day ) मनाने के तहत  पर किए जाते हैं जो आज ही के दिन 1959 में लदाख के तत्ता पानी ( hot spring ) में  हुई थी . उस घटना में चीन के हमले में केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल ( सीआरपीएफ – crpf ) के दस जवानों की मृत्यु हुई थी और 9 जवान घायल हुए थे. उनमें से भी एक ने बाद में प्राण त्याग दिए थे.

राष्ट्रीय पुलिस स्मारक पर आयोजन :  
पुलिस स्मृति दिवस पर देश में  मुख्य  कार्यक्रम दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित ‘ राष्ट्रीय पुलिस स्मारक ‘ ( national police museum)  पर हुआ. केन्द्रीय  गृहमंत्री अमित शाह , गृह राज्यमंत्री अजय मिश्रा , केन्द्रीय गृह  सचिव अजय भल्ला  और विभिन्न पुलिस संगठनों के प्रमुख , वरिष्ठ अधिकारी और जवान यहां उपस्थित थे. मंत्रियों और अफसरों ने पुलिस स्मारक पर बलिदान की प्रतीक शिला के समक्ष पुष्पांजलि अर्पित की. खास स्मृति  परेड का आयोजन किया गया. यह स्मारक 2018 में बनाया गया था. यहां पर एक शानदार संग्रहालय भी है जहां भारतीय पुलिस का इतिहास ( indian police history ) से लेकर उसके वर्तमान  आधुनिक स्वरुप तक का सफर अलग अलग तरह से दर्शाया गया है .

सबसे मुश्किल है पुलिस का काम :
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित  शाह  ने फर्ज़ के लिए  शहीद हुए पुलिसकर्मियों की संख्या का ज़िक्र किया . उनको श्रद्धांजलि देते हुए अपना अभिभाषण शुरू किया .  इस अवसर पर संबोधन में उन्होंने कहा  कि अकेला पुलिस  ही ऐसा समुदाय  है जो सबसे कठिन परिस्थितियों में काम करता है और देश की तरक्की में इनका योगदान सबसे ज्यादा है . हरेक मौसम में और अपने घर वालों से दूर रह कर पुलिस लोगों की सेवा करती है. पुलिसकर्मी परिवार वालों के साथ त्योहार तक नहीं मना पाते हैं . उन्होंने वादा किया कि सरकार पुलिस के कल्याण के प्रति सजग भी रहेगी और समर्पित भी रहेगी. अमित शाह ने पुलिस और सुरक्षा बलों के कम की तारीफ करते हुए यह दावा भी किया जम्मू कश्मीर में आतंकवाद , वाम प्रभावित चरमपंथी हिंसा और पूर्वोत्तर की घुसपैठ की घटनाओं में 65 फीसदी गिरावट आई है.

हर मुसीबत में मददगार पुलिस :  
अमित शाह ने पुलिस के काम और देश व समाज के लिए किये जाने वाले तरह तरह के काम का ज़िक्र करते हुए कोरोना काल में उसकी भूमिका की सराहना की तो आपदा प्रबन्धन में मदद के लिए  योगदान का भी उल्लेख किया. इसमें राष्ट्रीय आपदा प्रबन्धन बल ( national disaster management force ) का विशेष तौर पर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ज़िक्र किया जिसने देश ही नहीं विदेश में जाकर भी अपने काम से  नाम कमाया.

नए कानून हालात बदलेंगे :
अमित शाह ने कहा कि आने वाले तीन नए कानून भारत में न्याय व्यवस्था में आमूल चूल बदलाव लाएंगे और इससे कानून व्यवस्था  की स्थिति बेहतर होगी. वर्तमान कानून 150 साल पुराने हैं . यह ब्रिटिश हुकूमत के दौरान बने थे . अमित शाह ने कहा नए कानूनों में भारतीयता दिखाई देगी.