हिमाचल प्रदेश पुलिस के एक सहायक उप निरीक्षक ( assistant sub inspector ) को अपनी तरक्की का हक़ लेने के लिए कई साल तक कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी. रामलाल ठाकुर नाम के इस एएसआई को अपने रिटायर होने से तीन दिन पहले तरक्की मिल सकी और वह भी हाई कोर्ट के आदेश के बाद. इस केस ने पुलिस के भीतर प्रशासनिक काम काज और उसमें अपनाए जाने वाले तरीकों पर भी सवाल खड़े कर दिए है .
हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर ज़िले के हरनोड़ा गांव निवासी रामलाल ठाकुर अब एएसआई से एसआई ( sub inspector ) के पद पर प्रोन्नत हो गए है . 28 मई को विभाग ने उनकी तरक्की के आदेश जारी किए. वैसे 31 मई को 36 साल तक हिमाचल प्रदेश पुलिस में सेवा देने के वह रिटायर होने जा रहे हैं. भले ही रामलाल ठाकुर को तरक्की मिल गई लेकिन उनको लगता है कि अभी भी उनका पूरा हक उन्हें नहीं मिला है. वजह यह है कि उनसे जूनियर रहे पुलिसकर्मी इंस्पेक्टर के पद तक पहुंच गए.
दरअसल एएसआई रामलाल ठाकुर 17 फरवरी 2018 को बतौर सब इंस्पेक्टर प्रमोट हो गए थे, लेकिन विभाग ने उन पर चल रहे कुछ केस का हवाला देते हुए तरक्की रोक दी. वहीँ , इसी तरह के केस कुछ दूसरे कर्मियों पर भी चले थे लेकिन उनको प्रोन्नति के साथ साथ बाकी पुलिस सेवा सारे लाभ दे दिए गए. इसके बाद रामलाल ठाकुर ने प्रशासनिक ट्रिब्यूनल में मामला दायर किया जहां से जुलाई 2019 में इनके हक में फैसला आया, लेकिन विभाग ने उस फैसले को नहीं माना. इसके बाद रामलाल ने हाईकोर्ट का रुख करते हुए न्याय की गुहार लगाई. सितंबर 2023 को हाईकोर्ट ने रामलाल ठाकुर को प्रोन्नत करके सेवा के सभी लाभ देने का आदेश सुनाया. बावजूद इसके पुलिस विभाग ने इस फैसले को मानने से ही इनकार कर दिया.
पुलिस विभाग कोर्ट के एकल बेंच के फैसले को डबल बेंच में ले जाने की तैयारी करने लगा. अंत में सरकार ने हस्तक्षेप करते हुए एकल बेंच के फैसले को मानने का आदेश जारी किया. इसी के बाद अब 28 मई 2024 को एएसआई रामलाल ठाकुर की प्रमोशन के आदेश जारी हुए. रामलाल को सीएम के हाथों डीजीपी डिस्क सहित कई पुरस्कार भी मिल चुके हैं.
सब इंस्पेक्टर बने रामलाल ठाकुर ने न्याय के लिए हाईकोर्ट, हिमाचल प्रदेश पुलिस के डीजीपी अतुल वर्मा और सेंट्रल रेंज मंडी के डीआईजी जी. शिवा कुमार का आभार जताया है. सब इंस्पेक्टर रामलाल ठाकुर के बेटे रोहित ठाकुर ने कहा कि यदि उनके पिता को समय रहते प्रमोशन मिल जाती तो वह आज इंस्पेक्टर पद से रिटायर होते, क्योंकि उनसे जूनियर भी बीती 4 मई को प्रमोट होकर इंस्पेक्टर बन चुके हैं. साथ ही उन्होंने इंस्पेक्टर पद की प्रमोशन के लिए फिर से न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की बात भी कही है.