वैश्विक महामारी नोवेल कोरोना वायरस (कोविड 19) से जंग में पुलिस का चेहरा बन गये पंजाब पुलिस के हरजीत सिंह को चण्डीगढ़ में पीजीआई अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है. डॉक्टरों ने बताया है कि कटे हुए उनके जिस हाथ को फिर से लगाया गया है, वो ठीक से काम कर रहा है और काफी हद तक सामान्य होने में 5 – 6 महीने लगेंगे. इससे पहले अस्पताल पहुंचे पंजाब पुलिस के महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने हरजीत सिंह को सेहत में सुधार के साथ अस्पताल से छुट्टी मिलने की शुभकामनायें दीं. हरजीत सिंह को एक रैंक की बारी से पहले तरक्की देकर सहायक सब इन्स्पेक्टर (एएसआई) से सब इन्स्पेक्टर (एसआई) बनाने का ऐलान पहले ही किया जा चुका था. डीजीपी दिनकर गुप्ता ने हरजीत सिंह के इलाज के लिए पीजीआई के डॉक्टरों का आभार भी प्रकट किया है.
इसके अलावा पंजाब के पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने हरजीत सिंह के बेटे 25 साल के अर्शप्रीत सिंह को स्पेशल केस के रूप में पंजाब पुलिस में कांस्टेबल के रूप में भर्ती का नियुक्ति पत्र अस्पताल में हरजीत सिंह को सौंपा. 5 फुट 9 इंच लंबे अर्शप्रीत ने बीसीए की पढाई की है. डीजीपी ने अर्शप्रीत को अपनी बधाई भी दी है.
यूँ हुआ था हमला:
उल्लेखनीय है की 12 अप्रैल को पंजाब के पटियाला में हरजीत सिंह पर अपने साथियों के साथ कार में जा रहे एक निहंग ने उस वक्त हमला किया था जब हरजीत सिंह वहां थाने के एसएचओ, अन्य पुलिसकर्मियों और मंडी बोर्ड के अधिकारी वाली टीम के साथ तैनात थे. ये टीम कोविड 19 संक्रमण की रोकथाम के लिए लागू किये गये सोशल डिस्टेंसिंग और लॉक डाउन कर्फ्यू के नियमों को लागू कराए जाने की ड्यूटी पर तैनात थे. इस टीम ने कार सवार निहंगों को रोक कर जब कर्फ्यू और वाहन के मूवमेंट पास के बारे में पूछताछ की तो एक निहंग ने टीम पर अपनी धारदार तलवार से हमला किया था. उस निहंग को रोकने की कोशिश जब हरजीत सिंह ने की तो हमलावर ने उन पर ऐसा वार किया कि हरजीत सिंह का हाथ कलाई से कट कर वहीं गिर गया था.
पुलिस की जवाबी कार्रवाई:
बाद में निहंगों के ठिकाने पर की गई छापेमारी की कार्रवाई में पुलिस को और कामयाबी मिली. यहाँ से हथियार, तकरीबन 35 लाख रूपये की नकदी और नशीले पद्धार्थों से भरी 6 बोरियां भी बरामद की गई थीं. पुलिस ने छापे के दौरान हमलावरों समेत 11 लोगों को गिरफ्तार किया था जिनमें एक महिला भी थी.
साहस ने दिलाई तरक्की :
हरजीत ने इस घटना में ही सिर्फ साहस, बहादुरी और सूझबूझ का परिचय तो दिया ही, अपने पर हुए हमले के बावजूद हौसला बनाये रखा. घटनास्थल से, अपना कटा हुआ हाथ दूसरे हाथ में थामे जाते हुए उनकी तस्वीरे और वीडियो सोशल मीडिया पर खूव वायरल हुआ था. हरजीत तब सहायक उपनिरीक्षक (एएसआई) थे. खुद मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने फोन के ज़रिये वीडियो काल करके हरजीत की तारीफ़ की थी और शाबाशी दी थी. इसके बाद ही हरजीत को फौरन तरक्की देकर सब इंस्पेक्टर बनाने का ऐलान भी किया गया.
सेहत में सुधार :
चंडीगढ़ के पीजीआई अस्पताल के डॉक्टरों की टीम ने उसी दिन तकरीबन साढ़े सात घंटे की सर्जरी के प्रक्रिया पूरी करके हरजीत का कलाई से कटा हुआ हाथ फिर से जोड़ दिया था. डॉक्टरों का कहना है कि ये ऑपरेशन कामयाब रहा है और हाथ ने काम करना शुरू कर दिया है लेकिन अभी हरजीत को इस हाथ से सामान्य तरीके से काम करने में कुछ महीनों का वक्त लगेगा.
मैं भी हरजीत सिंह मुहिम:
इस बीच हाल ही में पंजाब पुलिस ने कोविड 19 संक्रमण से अग्रिम मोर्चे पर लड़ रहे सुरक्षा कर्मियों और डॉक्टरों के प्रति आभार प्रकट करते हुए उनका हौसला बढ़ाने और एकजुटता दिखाने की मुहीम भी हरजीत सिंह के नाम पर शुरू की है. हैशटैग ‘#मैं भी हरजीत सिंह ‘ मुहिम में पूरी पंजाब पुलिस ही नही पड़ोसी हरियाणा से लेकर दूरदराज के राज्यों गोवा, केरल, झारखण्ड जैसे अन्य राज्यों की पुलिस भी जुड़ गई है. कई आईपीएस अधिकारियों, पूर्व सैनिकों और यहाँ तक की डॉक्टरों ने भी खुद को हरजीत सिंह बताकर इस मुहिम से जोड़ा. ये सिलसिला पूरे भारत में चल रहा है और सोशल मीडिया पर मुहिम ट्रेंड हो रही है. पुलिस कर्मियों के परिवार ही नहीं, मेडिकल समेत अन्य क्षेत्रों से जुड़े लोग भी इस श्रृंखला का हिस्सा बन रहे हैं.