भारत के केन्द्रशासित प्रदेश गोवा में यातायात व्यवस्था को ठीक बनाये रखने में जनता की भागीदारी से अच्छे नतीजों का बेहतरीन नमूना साबित हुई है ट्रैफिक सेंटिनल योजना. साल भर पहले लांच की गई इस योजना के ज़रिये लोग न सिर्फ इनाम हासिल कर रहे हैं बल्कि समाज में सुरक्षा का माहौल बढ़ाने में मदद करने की अपनी कोशिश से ख़ुशी और सम्मान भी पा रहे हैं. इस योजना के ज़रिये पुलिस को भी जबरदस्त मदद मिल रही है. बिना सड़कों पर जाये, पुलिस अधिकारियों को पता चल जाता है कि किसने?, कब?, कहां? और कैसे? सड़क व यातायात के नियम तोड़े. पुलिस ऐसे लोगों के खिलाफ दंडात्मक या सुधार वाली जैसे चाहे कार्रवाई कर पाती है.
विदेश और देश के अलग हिस्सों से आने वाले सैलानियों के लिए आकर्षण का केंद्र इस खूबसूरत कोंकण नगरी में बृहस्पतिवार 15 नवम्बर 2018 को यातायात प्रणाली के दो हीरो चुने गये जिन्होंने ट्रैफिक सेंटिनल योजना को कामयाब बनाने में न सिर्फ योगदान दिया बल्कि इनाम में कार और मोटर साइकिल भी जीती. यानि नाम भी इनाम भी. गोवा के ये बाशिंदे हैं रोहिदास देवानंद नायक और स्नेहल कदम. ये दोनों गोवा यातायात पुलिस की ट्रैफिक सेंटिनल योजना के वो दो लकी वालंटियर हैं जिनके नाम की पर्ची उन कई पर्चियों में से निकली जिसमें कई और वालंटियर के नाम भी थे. रोहिदास को इनाम में कार तो स्नेहल को मोटरसाइकिल मिली.
अपने आप में इस अनूठी सफल योजना के पहला साल पूरा होने पर गोवा की राजधानी पणजी में आयोजित इस कार्यक्रम में गोवा की राज्यपाल मृदुला सिन्हा ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की और दोनों पर्चियां भी ढेरों पर्चियों में से निकालीं. हालांकि यह बात अलग है कि जब विजेताओं को इनाम देने के लिए नाम पुकारे गये तो वे दोनों ही वहां उपस्थित नहीं थे. गोवा के मुख्य सचिव धर्मेन्द्र शर्मा और पुलिस प्रमुख आईपीएस अधिकारी मुक्तेश चन्द्र के अलावा पुलिस व प्रशासन के कई और अफसर भी इस मौके पर उपस्थित थे.
ऐसे काम करती है ट्रैफिक सेंटिनल :
ट्रैफिक सेंटिनल स्मार्ट फोन आधारित ऐप है जिसके जरिये आम लोग सड़कों और यातयात के नियमों का उल्लंघन करने वालों के वीडियो या फोटो के साथ पुलिस को उनका ब्योरा भेजते हैं. पुलिस अधिकारी इसका आकलन करते हैं. एक तरफ नियम तोड़ने वाले शख्स के खिलाफ कार्रवाई की जाती है तो दूसरी तरफ शिकायत भेजने वाले ट्रैफिक सेंटिनल को प्वाइंट दिए जाते हैं. सौ प्वाइंट पूरे होने पर वालंटियर लकी ड्रा में शामिल होने का अधिकारी हो जाता है. अलग अलग तरह के नियमों को तोड़ते हुए लोगों को पकड़ने के लिए अलग अलग प्वाइंट तय होते हैं.
अब तक क्या हुआ :
गोवा पुलिस के महानिदेशक मुक्तेश चन्द्र ने बताया कि साल 2016 – 2017 में गोवा में सड़क दुर्घटनाओं में 328 लोगों की जान गई थी और इन हादसों के हालात का आकलन करने के बाद पुलिस ने कुछ उपाय किये जिससे इस साल सड़क दुर्घटनाओं में 22 % की कमी देखी गई. ये कमी जिन कारणों और उपायों को अपनाने से आई, उनमें ट्रैफिक सेंटिनल योजना भी महत्वपूर्ण है. ट्रैफिक सेंटिनल के ज़रिये पुलिस को यातायात नियमों के उल्लंघन के जो मामले मिले उनके आधार पर 118000 नोटिस जारी किये गये और इनाम के तौर पर वालंटियर्स को 38 लाख रुपये की राशि बांटी गई.