यूपी में पहली बार महिला पुलिस ने एनकाउंटर किया, ईनामी बदमाश गिरफ्तार

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मुठभेड़ स्थल पर महिला पुलिस और घायल बदमाश

उत्तर प्रदेश में  पुलिस  ने एक शातिर ईनामी अपराधी को गिरफ्तार किया है. इस दौरान पुलिस के साथ मुठभेड़ में यह अपराधी गोली लगने से घायल हो गया. यूपी में यह सब होना कोई नई  बात नहीं है . इस तरह की घटनाएं यहां होती रहती हैं और कई बार इनको लेकर विवाद भी हुए हैं. लेकिन यहां जिस घटना का ज़िक्र किया जा रहा है वह भी पुरानी कई घटनाओं की पुनरावृति सी है लेकिन यहां पुलिस का  पक्ष इस दफा  खासा अलग है. ईनामी अपराधी को धर दबोचने के दौरान गोली चलाने वाली पुलिस टीम की यह सभी सदस्य महिलाएं हैं . यूपी ही नहीं संभवत हाल के भारतीय पुलिस इतिहास में इस तरह की यह इकलौती घटना ही कही जा सकती है .

पुलिस के मुताबिक़ यह मुठभेड़ घटना  पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुशी नगर ज़िले की है. मुठभेड़ में गोली से घायल हुआ अपराधी यहीं का रहने वाला इमामुल उर्फ़  बिहारी है. उस पर  गौ तस्करी , शस्त्र अधिनियम आदि समेत दर्जन भर आपराधिक मुकदमे हैं. उसकी गिरफ्तारी पर 25 हज़ार रूपये का ईनाम भी था. गिफ्तारी के दौरान टांग में गोली लगने से वह घायल हुआ है . यह शुक्रवार की वारदात है .

इमामुल को गिरफ्तार करने वाली पांच सदस्य वाली इस पुईस टीम का नेतृत्व कुशीनगर ( kushi nagar )  ज़िले के बरवा पट्टी ( barwa patti ) के थानाध्यक्ष सुमन सिंह कर रही थीं . उनके साथ रही अन्य पुलिसकर्मियों में उप निरीक्षक ( sub inspector) प्रिंसी पांडे और चन्दा यादव व सिपाही संगीता यादव और प्रियंका सिंह थीं .
कुशीनगर के पुलिस अधीक्षक ( superintendent of police ) धवल जयसवाल  ने महिला पुलिस टीम के इस काम की तारीफ की है. उन्होंने इस बात पर ख़ुशी ज़ाहिर की कि यूपी पुलिस में  भी महिला सशक्तिकरण का प्रभाव दिखने लगा है .

कौन हैं इंस्पेक्टर सुमन सिंह :
बरवा पट्टी की एस एच ओ 40 वर्षीया सुमन सिंह  ( sho insp. suman singh ) शादीशुदा हैं और उनका चार साल का एक बेटा भी है. पिछले साल ही उनको तरक्की मिली थी व इंस्पेक्टर बनाया गया था. सुमन सिंह ने बताया कि 2013 में पुलिस बल में भर्ती होने के बाद वह कई बार पुलिस मुठभेड़ में हिस्सा ली चूकी हैं . उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग के दौरान उनको विभिन्न प्रकार के हथियार चलाने सिखाए गए और हमें तरह तरह के हालात से निपटने के तौर तरीके भी सीखने को मिलते हैं लेकिन एस एच ओ बनने के बाद यह मौका पहली बार मिला है .