देश और दुनिया के पुलिस इतिहास में पहली बार – मैं भी हरजीत सिंह

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हरजीत सिंह (बाएं) और हरजीत के समर्थन में हरजीत सिंह बने पंजाब पुलिस के महानिदेशक दिनकर गुप्ता.

आजाद भारत के इतिहास में ही नहीं ऐसा शायद पूरी दुनिया में पुलिस के इतिहास में ये पहली बार हो रहा है. ये अद्भुत है, व्यापक है, दिलो-दिमाग को भीतर तक छू लेने वाला है और सुंदर भी है. कोविड 19 संकट के बीच लॉक डाउन का पालन करवाने के दौरान निहंग के हमले में हाथ गंवाने वाले पंजाब पुलिस के कर्मी हरजीत सिंह का नाम अब ‘कोरोना योद्धा’ का पर्याय बन गया है. वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से मानवता को बचाने में अग्रिम मोर्चे पर जुटे उन पुलिस कर्मियों और डॉक्टरों को समर्पित पंजाब पुलिस का ‘मैं भी हरजीत सिंह’ अभियान उन तमाम लोगों के प्रति आदर और कृतज्ञता ज़ाहिर करने का खूबसूरत तरीका बन गया है जो हमले सहते हुए भी इस संकट में अपना सब कुछ दांव पर लगाकर ड्यूटी पर डटे हुए हैं.

पंजाब पुलिस का ‘मैं भी हरजीत सिंह’ अभियान

पंजाब पुलिस के सिपाही से लेकर पुलिस महानिदेशक दिनकर गुप्ता ने तक ने आज पहनी वर्दी पर अपना नहीं, हरजीत सिंह के नाम का बिल्ला लगाया जो पड़ोसी राज्य हरियाणा ने भी इससे तुरंत खुद को जोड़ लिया. हरियाणा पुलिस के जवानों और अधिकारियों ने भी कहा ‘मैं भी हरजीत सिंह’ हूँ. इस तरह के संदेशों वाले तरह तरह के पोस्ट ट्वीटर से लेकर अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर उन्होंने साझा करने शुरू किये तो ये वायरल भी हो गये.

पंजाब पुलिस का ‘मैं भी हरजीत सिंह’ अभियान

ये अभियान उन गुमनाम नायकों को समर्पित है जो बेहद खतरनाक हालात, जोख़िम और कष्ट उठाकर नागरिकों को नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाने के लिए या संक्रमित मरीज़ों की जान बचाने में लगे हैं. वो पुलिसकर्मी हो, डॉक्टर हों, मेडिकल या पैरा मेडिकल स्टाफ हो, अस्पतालों के कर्मचारी हों या ऐसा ही काम करने वाले लोग हों. इस अभियान का मकसद है कोविड 19 से जंग में साथ दे रहे तमाम लोगों का हौसला बढ़ाना और ये संदेश देते हुए जेहनी तौर पर ताकत देना कि हम साथ साथ हैं. साथ ही उन लोगों को जागरूक करने और आगाह करने का भी ये एक असरदार तरीका है जो संकट की इस घड़ी में जाने अनजाने ‘कोरोना योद्धाओं’ पर अपना गुस्सा और खीझ ज़ाहिर करते हैं, भड़ास निकलने के लिये या नासमझी में हमले करते हैं.

पंजाब पुलिस के ‘मैं भी हरजीत सिंह’ अभियान में हमसफर बने हरियाणा के भी आईपीएस अधिकारी.

मैं भी हरजीत सिंह मुहिम के तहत पुलिसकर्मियों ने अलग अलग भाषाओँ ‘मैं भी हरजीत सिंह’ लिखे पोस्टर और प्रिंट आउट बनाये हैं जिन्हें जगह जगह लगाया और उनके साथ फोटो खिंचवाकर सोशल मीडिया पर शेयर किये हैं.

‘मैं भी हरजीत सिंह’ अभियान में हमसफर बने गोवा के डीआईजी राजेश गर्ग.

उल्लेखनीय है कि पंजाब के पटियाला में पंजाब पुलिस की टीम पर कार सवार निहंगों के एक गुट ने तब हमला किया था जब ये टीम सब्जी मंडी में लॉक डाउन और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन कराने की ड्यूटी पर तैनात थी. टीम में मंडी बोर्ड के अधिकारी भी थे. कार सवारों के पास न तो वाहन ले जाने की इजाज़त थी और न ही कर्फ्यू पास. इस पर ऐतराज़ करने पर झगड़े पर उतारू एक निहंग ने अपने तलवार से एएसआई हरजीत सिंह पर इस भयानक तरीके से हमला किया था कि हरजीत सिंह का एक हाथ कलाई से कटकर वहीं ज़मीन पर गिर गया था. उसी दिन राजधानी चंडीगढ़ में पीजीआई अस्पताल के माहिर सर्जनों और डॉक्टरों की टीम ने उनका हाथ बांह में लगा दिया था. बाद में इस बहादुरी, साहस और सूझबूझ के लिए हरजीत सिंह को तरक्की देकर एएसआई (ASI) से सब इंस्पेक्टर (एसआई-SI) भी बनाया गया.