जम्मू कश्मीर पुलिस सेवा ( जेकेपीएस ) के इतिहास में पहली बार सबसे ज्यादा संख्या में इसके अधिकारियों को भारतीय पुलिस सेवा ( आईपीएस ) के लिए चयनित किया गया है. इनकी यह संख्या 27 है और इनको अरुणाचल प्रदेश – गोवा – मिजोरम – यूनियन टेरेटरी (एजीएमयूटी) कैडर में शामिल किया गया है. जम्मू कश्मीर के केन्द्रशासित क्षेत्र बनने के तीन साल के दौर में इस तरह का यह पहला मौका है.
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को इस संबंध में अधिसूचना जारी की है . वैसे इस लिस्ट में 28 जेकेपीएस अधिकारियों के नाम थे जिनको आईपीएस के लिए चुना गया लेकिन उनमें से एक अनिल कुमार मगोत्रा के रिटायर हो जाने के कारण बाद में संख्या 27 रह गई . इन अधिकारियों को वरिष्ठता के हिसाब से आईपीएस बैच आवंटित किये गए हैं.
यूं शुरूआती दौर में जब इसी साल जुलाई में यह प्रक्रिया शुरू हुई थी तब इस लिस्ट में 32 अधिकारियों के नाम थे. उस वक्त संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी ) , केन्द्रीय गृह मंत्रालय और जम्मू कश्मीर सरकार के अधिकारियों की बैठक में यह नाम विचार के लिए लाए गए थे. तीन अधिकारियों के खिलाफ इन्क्वायरी लंबित होने के कारण उनके नाम आईपीएस के लिए विचारित नहीं कए गए जबकि एक अधिकारी ने आईपीएस सेवा में जाने में अपनी अनिच्छा ज़ाहिर की. यूं जेकेपीएस से आईपीएस बनाए इन अधिकारियों में से एक अन्य अधिकारी अशोक कुमार बदवाल के सेवानिवृत्ति की तारीख आज यानि 30 सितंबर 2023 है .
आईपीएस के तौर पर चयनित अधिकारियों को एक साल का प्रोबेशन पूरा करना होगा. इस दौरान , भारतीय पुलिस सेवा ( प्रोबेशन नियम ) के मुताबिक़ , उनकी ट्रेनिंग भी होगी.