90 के दशक में दूरदर्शन पर एक धारावाहिक आता था ‘उड़ान’. याद तो होगा ही. वो धारावाहिक जिस आईपीएस अधिकारी कंचन चौधरी भट्टाचार्य (IPS Kanchan Chaudhary Bhattacharya) पर आधारित था वो कंचन चौधरी नहीं रहीं. कंचन चौधरी बीमार थीं. उन्होंने मुम्बई में सोमवार देर रात अंतिम सांस ली. 1973 बैच की भारतीय पुलिस सेवा की अधिकारी कंचन चौधरी भट्टाचार्य ने 2004 में देश के इतिहास में एक कीर्तिमान अपने नाम किया था. वह कीर्तिमान था देश के किसी राज्य की पहली महिला पुलिस महानिदेशक (DGP) बनने का और वह राज्य है उत्तराखंड.
दिल्ली यूनिवर्सिटी के इंद्रप्रस्थ कालेज में पढीं कंचन चौधरी किरण बेदी के बाद देश की दूसरी महिला आईपीएस अफसर भी थीं. साधारण मध्यम वर्गीय परिवार से ताल्लुक रखने वाली पंजाब के अमृतसर की मूल निवासी कंचन शुरु से ही पुलिस अफसर बनने का सपना देखती थीं. कंचन ने अपने कार्यकाल में उत्तराखंड में महिला सशक्तीकरण के लिए कई काम किए. उन्होंने महिला होमगार्ड को शहरों की ट्रैफिक व्यवस्था को संभालने की जिम्मेदारी सौंपकर उल्लेखनीय कार्य किया. सख्त छवि वाली कंचन सीआईएसएफ में मुम्बई में महानिरीक्षक भी रहीं. वह यूपी कैडर की थीं लेकिन बाद में वह उत्तराखंड कैडर में चली गईं.
हमेशा आम जनता खासकर कमजोरों के हित में काम करने वाली कंचन चौधरी के निधन पर उत्तराखंड पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिजनों के प्रति शोक संवेदना व्यक्त की गई है. संदेश में कहा गया कि उत्तराखंड पुलिस उनके द्वारा दिए गए अभूतपूर्व योगदान को याद करती है.
यहाँ बताना जरूरी है कि 1989 में दूरदर्शन पर जो ‘उड़ान’ सीरियल कंचन पर आधारित था उसे उनकी बहन कविता चौधरी ने बनाया था और किरदार भी निभाया था. रिटायर होने के बाद कंचन ने राजनीति की ओर रुख किया लेकिन नाकाम रहीं. वह 2014 में हरिद्वार संसदीय क्षेत्र से आम आदमी पार्टी से चुनाव भी लडी थीं लेकिन हार गई थीं. आईपीएस एसोसियेशन ने भी कंचन के निधन पर दुख व्यक्त किया है.