उत्तर प्रदेश के एटा जिले के जलेसर इलाके से एक शख्स हेमंत प्रताप बुंदेला को गिरफ्तार किया गया है जो पड़ोस के ही ललितपुर का रहने वाला है. पुलिस ने बताया कि इसे तब गिरफ्तार किया गया जब यह भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी की वर्दी पहन एक प्राइवेट कार में सवार होकर जलेसर पहुंचा. रुआब डालने के लिए कार के डैशबोर्ड पर उसने पुलिस की वर्दी वाली नेवी ब्लू रंग वाली बैरे कैप रखी थी .
दरअसल , हेमंत बुंदेला को उस वक्त पकड़ा गया जब वो अपनी पत्नी की एक सहेली के घर पहुंचा. मकसद उस महिला के ससुराल में किसी विवाद को निपटाने के लिए रुआब गांठना था . जलेसर के थाना प्रभारी सुधीर राघव ने उसे रास्ते में खड़ी अपनी कार में देखा. असली वरिष्ठ अधिकारी समझ कर शिष्टाचार के नाते, तकरीबन 50 साल की उम्र के इस व्यक्ति से , जब उन्होंने बातचीत की तो उनको इसके आईपीएस अधिकारी होने पर शक हुआ . वर्दी पर अशोक स्तंभ व सितारे थे . पहले यह खुद को एसपी रैंक का अधिकारी बता रहा था . आईपीएस का बैच आदि पूछने पर दिया गया उसका जवाब झूठा निकला.
पुलिस हेमंत बुंदेला ( hemant bundela ) को थाने में ले आई. इस बीच क्षेत्राधिकारी नितिन गर्ग ( co nitin garg ) भी सुचना पाकर वहां पहुंचे . झट से हेमंत के फर्जी आईपीएस होने की पोल पट्टी खुल गई . हेमंत ने सचाई कबूल कर ली. अभी यह पता नहीं चला है कि इसी तरह की वर्दी पहनकर क्या उसने और भी किसी घटना या अपराध को अंजाम दिया है या नहीं ? पुलिस इस बारे में अभी छानबीन कर रही है.
हेमंत बुंदेला के खिलाफ जलेसर थाने में भारतीय न्याय संहिता ( बीएंनएस ) की धारा 204 के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बीएनएस की धारा 204 के तहत, किसी विशेष सार्वजनिक पद पर होने का झूठा दिखावा करना या किसी लोक सेवक का वेश धारण करना गुनाह है. यह धारा, ऐसी झूठी पहचान के तहत किए गए या किए जाने वाले किसी भी गतिविधि पर रोक लगाती है .
बीएनएस की धारा 204 के तहत अपराध करने की स्थिति तब मानी जाती है जब – कोई व्यक्ति किसी लोक सेवक ( public servant ) का रूप धारण करके कोई अपराध करे या उसे करने की कोशिश करे. खुद को विशिष्ट अधिकारी बताकर कोई अवैध काम करे या उसे करने की कोशिश करे .
बीएनएस धारा 204 के तहत दर्ज केस अदालत में साबित होने पर कम से कम छह महीने से तीन साल तक की कैद की सज़ा हो सकती है. साथ ही जुर्माना भी लगाया जा सकता है. इस धारा का मकसद, सार्वजनिक कार्यालयों की विश्वसनीयता और अखंडता की रक्षा करना है.