सीआरपीएफ परिसर में यूं लाखों लीटर पानी की बचत कर रहा है डीआरडीओ का प्लांट

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सीआरपीएफ के महानिरीक्षक और सेन्ट्रल ट्रेनिंग कॉलेज के प्रिंसिपल अजय भारतन सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट निरीक्षण के दौरान

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ( defence research and development organisation – DRDO ) ने केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल के परिसर में एक ऐसा सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाया है जिससे रोजाना 4 लाख लीटर पानी बर्बाद होने से रोका जा सकता है. यह प्लांट तमिलनाडु में कुरुदम्पलयम स्थित केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल ( central reserve police force ) के सेन्ट्रल ट्रेनिंग कॉलेज में लगाया गया है जो कोयम्बटूर  (coimbatore) के पास है .

कुरुदम्पलयम ( kurudampalayam ) में सीआरपीएफ का सीटीसी ( ctc-crpf ) 400 एकड़ में फैला हुआ है जहां तकरीबन 400 परिवार  रहते हैं और 1000 हजार से प्रशिक्षु ट्रेनिंग पाते हैं . बीते सप्ताह यहां डीआरडीओ की तरफ से अवायवीय बायो  पाचन  (anaerobic bio digestion) टैंक  तकनीक वाला सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया गे जिसकी लागत 2 करोड़ 16 लाख रूपये है. इस ट्रीटमेंट  प्लांट से सीवेज की जो गंदगी को साफ़ करके 4 लाख लीटर तक ऐसा पानी निकाला जा सकता है जो बदबूदार नहीं  है. इतना ही नहीं , सिवाय  पीने के यह पानी हर किसी काम में लिया जा सकता है . वैसे अभी यह तीन लाख लीटर पानी को ट्रीट करके सप्लाई कर रहा है .

दरअसल  यह एक पेटेंट  (MAK-DRDO ABD ) तकनीक है जिसका भारत में पहली बार इस्तेमाल हो रहा है. अवायवीय पाचन’ (anaerobic digestion) कई प्रक्रियाओं के समूह का नाम है जिसमें सूक्ष्मजीव ऑक्सीजन की गैर मौजूदगी में जैव अपघटनीय पदार्थों को विघटित कर देते हैं. इसे अवायवीय अपघटन की यह प्रक्रिया भी कहते हैं जो  औद्योगिक तथा घरेलू कचरा के प्रबंधन में अथवा  बायोगैस बनाने में भी इस्तेमाल की जाती है . अच्छी बैट यह है कि इस तकनीक के इस्तेमाल के लिए बिजली की ज़रूरत भी  नहीं है .