डॉ चोपड़ा ने पुलिस को तनाव मुक्ति के लिए व्यायाम ,ध्यान और वेगन फ़ूड की सलाह दी

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दिल्ली पुलिस मुख्यालय के आदर्श सभागार में व्याख्यान के दौरान डॉ दीपक चोपड़ा

जाने माने  न्यूरो-एंडोक्रिनोलॉजिस्ट (अंतःस्रावी तंत्र विशेषज्ञ ) डॉक्टर दीपक चोपड़ा ने तमाम तरह के मानसिक दबावों से खुद को मुक्त रखने के लिए व्यक्ति को तीन बातों पर ख़ास ध्यान देने का मशवरा दिया है . उनका कहना है कि मानसिक दबाव के प्रभाव से बचने के लिए पुलिस अधिकारियों को नियमित व्यायाम करना चाहिए , ध्यान ( मेडिटेशन ) लगाना चाहिए और ऐसा पौष्टिक आहार लेना चाहिए जो पौधों से बना हो. डॉ चोपड़ा यहां दिल्ली पुलिस परिवार कल्याण समिति और दिल्ली पुलिस की तरफ से संयुक्त रूप से आयोजित एक कार्यक्रम को सम्बोधित करने के बाद पुलिस अधिकारियों के सवालों के जवाब दे रहे थे.

शारीरिक , मानसिक स्वास्थ्य से लेकर मानव अनुभव के विभिन्न पहलुओं जैसे विषयों पर 90 से अधिक पुस्तकों के लेखक डॉ चोपड़ा का व्याख्यान यहां जय सिंह रोड स्थित दिल्ली पुलिस मुख्यालय के आदर्श सभागार में आयोजित किया गया था. दिल्ली पुलिस ने उनको तनाव प्रबंधन पर व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया था जिसका शीर्षक  ‘ अत्यधिक दबाव वाली नौकरी में मानसिक दबाव प्रबंधन और स्वास्थ्य ‘ (stress management and well-being in high-pressure jobs) रखा गया . दिल्ली पुलिस के कमिश्नर संजय अरोड़ा और  दिल्ली पुलिस परिवार कल्याण समिति की अध्यक्ष ऋतू अरोड़ा समेत पुईस के तमाम बड़े अधिकारी इस कार्यक्रम में उपस्थित थे. बड़ी संख्या में दिल्ली पुलिस के सहायक पुलिस आयुक्त ( एसीपी ) , इंस्पेक्टर से लेकर अन्य रैंक के कार्मिकों ने भी इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया.

दिल्ली पुलिस परिवार कल्याण समिति की कार्यकारिणी सदस्यों और पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा के साथ डॉ दीपक चोपड़ा

भारत में डॉक्टरी की पढ़ाई के बाद 1970 में विदेश जा बसे डॉ दीपक चोपड़ा  ( dr deepak chopra ) ने एक अधिकारी के , तनाव से बचाव और आहार से संबंधित ,  सवाल के जवाब में कहा कि मांसाहार से बचना चाहिए या उसे न्यूनतम करना चाहिए. डिब्बाबंद मांस से तो उन्होंने बिलकुल बचने की सलाह दी. डॉ चोपड़ा ने ऐसे पैक्ड फ़ूड को सेहत के लिए नुकसानदायक बताया.  डॉ चोपड़ा का कहना था कि हमें ऐसा खाना खाना चाहिए जो पेड़ , पौधों , फलों आदि पर आधारित हो . ये खाना हमारे शरीर की अनुवांशिक संरचना के हिसाब से मुफीद है .

देश विदेश में भारतीय यौगिक पद्धति को फ़ैलाने वाले महिर्षि महेश योगी के शिष्य रहे डॉ चोपड़ा ( deepak chopra)   को  एक अन्य पुलिस अधिकारी ने अपनी समस्या बताते  हुए  सवाल किया कि ध्यान की मुद्रा में जाने पर उनको नींद आ जाती है ? इस पर डॉ चोपड़ा ने उनको अपनी नींद की कमी पूरी करने की सलाह ली. डॉ चोपड़ा ने कहा , ‘ आप नींद कम लेते  हैं .’ डॉ चोपड़ा का मानना है कि सेहत के लिए व्यक्ति को दिन के 24 घंटे में से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए.  एक अधिकारी का ये भी सवाल था कि ध्यान लगाने पर उनको तरह तरह के ख्याल आते हैं और वे ध्यान केन्द्रित नहीं कर पाते. इस पर डॉ चोपड़ा का जवाब था कि ऐसे ख्याल आते हैं लेकिन इसके बारे में सोचना बंद कर दें.

तमाम तरह की योगिक क्रियाओं में विशेषज्ञ   भारतीय मूल के अमेरिकी 76 वर्षीय डॉ चोपड़ा  माइकल जैक्सन ( singer and dancer michael jackson ) जैसी सेलेब्रिटी के भी स्वास्थ्य सलाहकार रहे हैं तो अमेरिका के  तत्कालीन विलियम क्लिंटन  तक  उनकी महत्ता का ज़िक्र कर चुके हैं . डॉ दीपक चोपड़ा ने आज के कार्यक्रम के दौरान एक नुस्खा और बताया. उन्होंने कहा कि मानसिक तनाव , दुःख – तकलीफ या दबाव की स्थिति से खुद को दूर करने के लिए ऐसी स्थिति में जाना चाहिए जो हमें प्रसन्नता या ख़ुशी देती हो. एक अच्छा तरीका ये भी है कि ऐसी स्थिति में दूसरों को खुश करने का काम किया जाए तो हमें खुद को ख़ुशी मिलेगी.

डॉ चोपड़ा ने अपने व्यख्यान के दौरान ध्यान , अन्तर्मन की स्थिति से लेकर मानवीय भावनाओं ,  मानवीय सोच, मानवीय अनुभवों पर आधारित निर्णय लेने की शक्ति तथा इनके प्रभाव आदि बिदुओं पर प्रकाश डाला. उनका कहना है कि हमारा मानसिक स्वास्थ्य ही शारीरिक वास्तविकता निर्धारित कर सकता है. नींद में आने वाले स्वप्नों से सम्बन्धित एक अधिकारी के पूछे गए  सवाल के जवाब में डॉ चोपड़ा ने कहा कि सपने में आने वाले विचार देर तक नहीं रहते इसलिए उनसे विचलित नहीं होना चाहिए. बल्कि डॉ चोपड़ा का ये तक कहना था कि हम जो जीवन जी रहे हैं वो भी एक सपना है. हमारी स्थिति हर पल बदलती है क्यूंकि जो एक बार घट जाता है वो फिर से नहीं घटता. ये भी एक तरह का स्वप्न है .  कार्यक्रम के दौरान डॉ चोपड़ा ने सभागार में उपस्थित सभी लोगों से  तनाव मुक्ति और स्वयं से वार्तालाप करने की 3 मिनट की ध्यान मुद्रा भी कराई.

इस कार्यक्रम में दिल्ली पुलिस ( delhi police ) और पुलिस परिवार कल्याण समिति ( police family welfare committee ) की तरफ से डॉ चोपड़ा को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया. दिल्ली पुलिस के विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर  कार्यक्रम का लाइव प्रसारण हुआ. मुख्यालय के बाहर दिल्ली पुलिस के विभिन्न परिसरों , इकाइयों या केन्द्रों में मौजूद लोग भी इस्ससे ऑनलाइन जुड़े लेकिन तकनीकी खामी के कारण उनके सवाल न सुने जा सके न ही जवाब दिए जा सके.