सरदार पटेल पुलिस अकादमी में बोले शाह : अफसर बेखौफ होकर काम करें

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भारतीय पुलिस सेवा के 70वें दीक्षांत समारोह की परेड.

भारत के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हैदराबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल पुलिस अकादमी की तरफ से आयोजित भारतीय पुलिस सेवा के 70वें दीक्षांत समारोह में हुए कहा कि आज का मौका आनंद तथा उत्साह से भरा हुआ है क्योंकि सरदार पटेल के नाम से स्थापित नेशनल पुलिस अकादमी की दीक्षांत परेड के बाद 103 पुलिस अधिकारियों को अपने उज्ज्वल करियर की शुरुआत करनी है. अमित शाह ने अपने अभिभाषण में हैदराबाद, सरदार पटेल की कार्यशैली और उनके नजरिये के बारे के बताने के साथ साथ भारत के मौजूदा हालात व इनसे पैदा हो रहीं चुनौतियों का भी जिक्र किया.

केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि हैदराबाद एक ऐतिहासिक जगह है जहां इस पुलिस एकेडमी का निर्माण किया गया है. आजादी के बाद भारत की 630 से ज्यादा रियासतों को जोड़ने का अकल्पनीय कठोर काम जब सरदार पटेल को दिया गया तो एक के बाद एक रियासत जुड़ती गई लेकिन उस वक्त के हैदराबाद के निजाम भारतीय संघ के साथ अपनी विलीनीकरण को मान्यता नहीं दे रहे थे और सरदार पटेल के नेतृत्व में ऐतिहासिक पुलिस एक्शन द्वारा हैदराबाद, तेलंगाना, कर्नाटक और महाराष्ट्र का कुछ हिस्सा भारतीय संघ का भाग बना.

सरदार पटेल को श्रद्धांजलि देते हुए केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि धारा 370 के कारण जम्मू कश्मीर 630 रियासतों के साथ नहीं जुड़ सका और तब से सबको लगता रहा कि कुछ न कुछ छूट गया है. इस काम को आज के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूर्ण किया गया. उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने भारतीय पुलिस सेवा को भ्रष्टाचार मुक्त भारत का निर्माण करने का जिम्मा दिया था इसलिए आज जो भी अधिकारी भारतीय पुलिस सेवा में शामिल होने जा रहे हैं उनसे अपेक्षा की जाती है कि वो जिस प्रदेश में भी जाएंगे, हमेशा सरदार पटेल की उस उक्ति को ध्यान में रखेंगे.

अमित शाह ने भारत की प्रशासनिक व्यवस्था का हवाला देते हुए कहा कि दो हिस्सों में बंटी इस व्यवस्था में, एक वो है जिसमें जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधि जो संसद और विधान मंडलों के अंदर नीतियों और कानूनों का निर्माण करते हैं दूसरे भारतीय सिविल सेवा के सभी अधिकारी नीतियों को नीचे तक पहुंचाने का काम करते हैं, उनका कार्यान्वयन सुनिश्चित करते हैं. उन्होंने कहा कि जनता द्वारा चुने गए और सिविल सर्वेंट दोनों को संविधान की सेवा करने का मौका मिलता है किंतु एक को केवल 5 साल के लिए अवसर प्राप्त होता है और दूसरे को 60 वर्ष की आयु होने तक मौका मिलता है जो निश्चित रूप से गर्व की बात है.

श्री शाह ने अधिकारियों से कहा कि आप पूरी तन्मयता और लक्ष्यों के साथ इस परीक्षा की तैयारी कर सफल हुए, तब केवल शुरूआत थी असली परीक्षा अब होगी क्योंकि आने वाले समय में बहुत सी चुनौतियां आएंगी. आज देश के सामने आंतरिक सुरक्षा, आतंकवाद, साइबर क्राइम आदि को कंट्रोल करने के साथ-साथ पड़ोसी देशों द्वारा खड़ी की गई चुनौतियां भी शामिल हैं. श्री शाह ने कहा कि जब तक देश आंतरिक रूप से सुरक्षित नहीं होगा, विकसित नहीं हो सकता. संविधान के मुताबिक़ और भयमुक्त होकर कार्य करना करना सच्चे आईपीएस ऑफिसर का दायित्व होता है.

केंद्रीय गृह मंत्री ने प्रोबेशनर्स को नसीहत देते हुए कहा कि आज की गई प्रतिज्ञा सदैव दिल में रखें और जब तक आपकी सेवा समाप्त नहीं होती है तब तक रोज सुबह उस प्रतिज्ञा को याद करें. उन्होंने कहा कि आज से आपकी लक्ष्यपूर्ति का रास्ता शुरू हो रहा है और महान भारत देश को दुनिया में उसके गौरवशाली स्थान पर पहुंचाने में आपको महत्वपूर्ण योगदान देना है. उनका कहना था कि समृद्ध, सुशिक्षित भारत हमारा लक्ष्य होना चाहिए तथा हमें भारत की विशाल, विविधतापूर्ण संस्कृति को संरक्षित रखकर उसके लोकतांत्रिक मूल्यों को बरकरार रखना होगा.