दिल्ली पुलिस के नए कमिश्नर रोज़ाना सुनेंगे शिकायतें, जन सुनवाई अधिकारी तैनात

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दिल्ली पुलिस
दिल्ली पुलिस के कमिश्नर संजय अरोड़ा.

दिल्ली पुलिस के नए कमिश्नर आईपीएस संजय अरोड़ा ने अपने दफ्तर में ‘जन सुनवाई’ की व्यवस्था फिर से शुरू करने के आदेश दिए हैं. इसकी ज़िम्मेदारी विजिलेंस विभाग को सौंपी गई है. हालांकि ये कोई नई व्यवस्था नहीं है. जन सुनवाई पहले भी हुआ करती थी लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण (कोविड – 19) की वजह से बंद कर दी गई थी. इसके बाद आए कमिश्नर राकेश अस्थाना ने शुरू नहीं की लेकिन श्री अरोड़ा ने जनता की शिकायतें खुद सुनने के इरादे से ‘जन सुनवाई’ व्यवस्था फिर से शुरू करने के आदेश दिए हैं. इसके लिए विशेष दिशा निर्देश के साथ पुलिस मुख्यालय से सर्कुलर जारी किया गया है. विजिलेंस डिवीज़न की स्पेशल कमिश्नर नुजहत हसन की तरफ से जारी इस सर्कुलर के मुताबिक पहली जन सुनवाई 24 अगस्त को होगी.

24 अगस्त 2022 से हर रोज़ (सोमवार से शुक्रवार तक) सुबह 10 से 12 बजे के बीच पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा आम नागरिकों से दिल्ली पुलिस मुख्यालय में मिलेंगे. इसके लिए दिल्ली पुलिस की विजिलेंस डिवीज़न को नोडल एजेंसी बनाया गया है. विजिलेंस डिवीज़न के विशेष पुलिस आयुक्त (स्पेशल कमिश्नर) ऐसी जगह जन सुनवाई डेस्क बनाएंगे जहां मुख्यालय में आगन्तुक सबसे पहले आसानी से पहुँच सकते हों. एक तरह से ये जेएसडी (jsd) यूनिट कहलाएगी. कोई भी इस जनसुनवाई में हिस्सा ले सकता है. सर्कुलर के मुताबिक़ विजिलेंस डिवीज़न से सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी – ACP) जेएसडी का काम देखेगा और उसके मातहत पर्याप्त संख्या में इंस्पेक्टर और सब इंस्पेक्टर तैनात किये जाएंगे. ये अधिकारी जनसुनवाई इंटरफेस ऑफिसर (jsio) कहलाएंगे.

हरेक जेएसआईओ खुद रोजाना 5 से 10 आगंतुकों से मिलेगा और उनकी शिकायत सुनेगा. जो आगन्तुक लिखित शिकायत नहीं लाये होंगे, उनकी परेशानी या समस्या को संक्षिप्त में नोट करेगा. इसके बाद सम्बन्धित थाने या इकाई से उसके बारे में अब तक हुई कार्रवाई की जानकारी तुरंत फोन करके एकत्र करेगा. इसके बाद पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा 17 वीं मंजिल पर स्थित पुलिस कमिश्नर कॉनफ्रेंस हॉल में शिकायतकर्ता से मिलेंगे. इस दौरान वहां विजिलेंस डिवीज़न से स्पेशल कमिश्नर / एडीशनल कमिश्नर / डीसीपी मौजूद रहेंगे. पुलिस कमिश्नर के व्यस्त होने अथवा उपलब्ध न होने की सूरत में स्पेशल कमिश्नर (एचआरडी) या स्पेशल कमिश्नर (पीएफडी) शिकायतकर्ता से मिलेंगे. इस जन सुनवाई की ख़ास बात ये भी होगी कि पूरी प्रक्रिया को दर्ज किया जाएगा ताकि अदालत आदि में ज़रूरत पड़ने पर दस्तावेजी जानकारी मुहैया कराई जा सके.