उत्तर भारत के शहरी क्षेत्रों में सर्दी और कोहरा के मौसम के बीच पार्टियों के सीज़न में शराब के नशे में गाड़ियां चलाने वाले लोग सड़कों पर अपराध नियंत्रण की अहम ड्यूटी करने वाले पुलिसकर्मियों के लिए चुनौती बने हुए हैं. भारत की राजधानी दिल्ली में ऐसी ही एक चुनौती का सामना करते हुए दिल्ली पुलिस के हवलदार गुलजारी लाल की जान चली गई. उनके साथी हवलदार प्रकाश चंद मीणा ने किसी तरह खुद को बचा लिया. ये दोनों दिल्ली के द्वारका इलाके में वाहनों की चेकिंग कर रहे थे जब तेज़ रफ्तार से आती एक कार ने इनके बेरिकेड को टक्कर मारी.
सर्दी, कोहरा और पार्टियों का सीज़न पुलिस के लिए चुनौती
ये दुर्भाग्यपूर्ण हादसा द्वारका के सेक्टर 21 सोमवार-मंगलवार की रात को मेट्रो स्टेशन अंडरपास के नज़दीक हुआ जहां सड़क पर दिल्ली पुलिस ने वाहनों की जांच के लिए ज़िग-ज़ेग स्थिति में बेरिकेड लगाये हुए थे. रात को एक बजे के आसपास का वक्त रहा होगा. दोनों पुलिस कर्मियों ने तेज़ रफ्तार एक कार को अपनी तरफ आते देखा. उनमें से एक ने टॉर्च की रोशनी के जरिये कार चालक को इशारा किया लेकिन कार चालक ने रफ्तार कम नहीं की. ये मारुति बलीनो कार थी जिसे नागेश कपूर नाम के शख्स चला रहा था.
ऐसे हुआ ये हादसा :
कार ने ज़ोरदार टक्कर सबसे पहले वाले उस बेरिकेड को मारी जिसके ऐन पीछे दिल्ली पुलिस के हवलदार गुलजारी खड़े थे. इससे पहले कि वह अपना बचाव करते, टक्कर के असर से बेरिकेड उछल कर उनके चेहरे से ऐसे टकराया कि उनकी गर्दन की हड्डी भी टूट गई. गुलजारी लाल गिर गये और उनके सिर व चेहरे पर भी चोटें आईं. हवलदार प्रकाश चंद मीणा फुर्ती दिखाकर सड़क किनारे न कूदे होते तो वह भी खुद को इस कार हादसे का शिकार होने से बचा नहीं पाते क्यूंकि इसके बाद भी चालक ने कार रोकने की बजाय दौड़ा दी थी. किसी दूसरी कार वाले से मदद लेकर हवलदार गुलजारी लाल को पास के अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
चेकिंग प्वाइंट :
ये हादसा तो तब हुआ जबकि बेरिकेड पर रिफ्लेक्टर लगे हुए थे. दोनों पुलिसकर्मियों ने फ्लोरोसेन्ट जैकेट पहनी थी और साथ ही टॉर्च का भी इस्तेमाल कर रहे थे. वहां रोशनी भी भरपूर थी. ज़ाहिर है कि पुलिस ने ठीक बन्दोबस्त कर रखे थे और पुलिस के साथ ये नाका किसी को भी दूर से दिखाई दे सकता था.
हवलदार गुलजारी लाल :
53 वर्षीय गुलजारी लाल राजस्थान की राजधानी जयपुर के मूल निवासी थे और दिल्ली में नज़फ़गढ़ में रहते थे. उनके परिवार में पत्नी, दो बेटे और एक बेटी है.
ऐसे पकड़ी गई कार :
पुलिस का कहना है कार की रफ्तार इतनी तेज़ थी कि इसका नम्बर तो क्या ये अंदाजा भी नहीं लग पाया कि कार कौन सी थी. हादसे के बाद फरार हुए चालक नागेश को पकड़वाने में पुलिस की मदद एक मैकेनिक ने की जिसकी पास के ही पोचनपुर में कार मरम्मत की दुकान है. ये कार चालक कार को वहीं ठीक कराने के लिए लेकर गया था. मैकेनिक ने पुलिस को सूचना दी थी.
असल में इस हादसे के बाद कार की तलाश में जुटी पुलिस ने आसपास के तमाम वाहन इंश्योरेंस एजेंट्स, कार वर्कशॉप, अस्पतालों और हाउसिंग सोसायटी व कालोनियों की रेजिडेंट वेलफेयर ऐसोसीयेशन को इस कार के बारे में चौकस कर दिया था.
कौन है ये कार चालक नागेश :
पुलिस ने बताया कि कार चालक 33 वर्षीय नागेश कपूर हादसे वाली रात दोस्तों के साथ पार्टी करने के बाद लौट रहा था. वह एमबीए है और मायापुरी में मोटर साइकिल के शोरूम में अकाउंटेंट है. आठ महीने पहले उसने गुरुग्राम से ये सेकंड हैण्ड कार खरीदी थी. उसने पुलिस को दिए बयान में कहा है कि वह सड़क पर पुलिस चेकिंग देखकर घबरा गया था.