इंडिया गेट पर दिल्ली पुलिस का शानदार मार्च पास्ट लेकिन एकता दिवस जैसा कुछ नहीं

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दिल्ली पुलिस
मार्चपास्ट में दिल्ली पुलिस के बैंड के साथ आगे चल रही पूर्वोत्तर राज्यों से भर्ती की गई महिला कमांडो की टुकड़ी.

भारत की राजधानी दिल्ली के सबसे लोकप्रिय और हमेशा देशी-विदेशी पर्यटकों से भरे रहने वाले, शूरवीरता और बलिदान के प्रतीक स्थल इंडिया गेट पर बुधवार की शाम का नज़ारा रोज़ के दिनों के हिसाब से एकदम अलग था. रंग-बिरंगी परम्परागत वर्दी में दिल्ली पुलिस के छह फुटे से भी ऊँचे कद वाले जवानों के मनमोहक धुनों के बीच मार्च पास्ट ने वातावरण एकदम बदल के रख छोड़ा था. मार्चपास्ट में दिल्ली पुलिस के बैंड के साथ आगे चल रही पूर्वोत्तर राज्यों से भर्ती की गई महिला कमांडो की टुकड़ी (महिला स्वाट दल) सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र बनी.

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मार्चपास्ट में दिल्ली पुलिस का बैंड.

ये विशेष मार्चपास्ट, भारत के राष्ट्रीय एकता दिवस के मौके पर, देश भर में आयोजित उन कार्यक्रमों का हिस्सा था जो भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल को समर्पित करके चार साल से उनके जन्मदिन यानि 31 अक्टूबर को मनाया जा रहा है. दिल्ली पुलिस के कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने इस मौके पर परेड की सलामी ली.

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मार्चपास्ट में पूर्वोत्तर राज्यों से भर्ती की गई महिला कमांडो की टुकड़ी (महिला स्वाट दल) सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र बनी.

इंडिया गेट पर मार्च पास्ट के दौरान ही नहीं इसके बाद भी लोग, दिल्ली पुलिस की पूर्वोत्तर राज्यों की कमांडो लड़कियों की टुकड़ी के बारे में जानने को उत्सुक दिखाई दे रहे थे जो असल में दिल्ली पुलिस की नवगठित ‘स्पेशल वेपन्स एंड टैक्टिक्स’ (SWAT) टीम की वो दमदार सिपाही हैं जो खतरनाक किस्म के आपरेशन करने में माहिर हैं. गहरे नीले रंग की वर्दी और कमांडो किट के साथ उनकी कदमताल की लोग बार बार तारीफ़ कर रहे थे. उत्तर भारतीयों के बाहुल्य वाले शहर दिल्ली और यहाँ की पुलिस में, पूर्वोत्तर के कार्मिकों और विशेषकर वहां की महिलाओं की तादाद कम होने से उनके बारे में लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं है इसलिये उनको लेकर कौतुहल रहना स्वाभाविक भी है. उस पर इस टुकड़ी की सदस्यों की यूनिफार्म भी हटकर थी. आलम ये था कि आम लोग ही नहीं खुद वो पुलिसकर्मी भी इन कमांडो के साथ अपनी यादें सहेजने के मकसद से फोटो खिंचवा रहे थे जो परेड का हिस्सा नहीं थे. परेड में पराक्रम वाहन और पुलिस नियन्त्रण कक्ष की गाड़ियों ने भी हिस्सा लिया.

एकता दिवस या पटेल से जुड़ा कुछ नहीं

वैसे कहने को तो दिल्ली पुलिस के कमिश्नर के अलावा दर्जन भर स्पेशल कमिश्नर और इससे भी ज़्यादा संख्या में ज्वाइंट कमिश्नर और डीसीपी (डिप्टी कमिश्नर -उपायुक्त) स्तर के अधिकारी इस कार्यक्रम में यहाँ बावर्दी हाज़िर थे लेकिन सबकी मौजूदगी रस्म अदायगी दिखाई दी. किसी अन्य पुलिस परेड की ही तरह ये भी एक परेड थी. एकता दिवस या देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्म दिवस से जुड़ा हुआ कोई विशेष आयोजन यहाँ नहीं था. न ही इसमें नागरिकों की, न ही प्रशासनिक अधिकारियों और न ही जन प्रतिनिधियों की हिस्सेदारी या मौजूदगी यहाँ दिखाई दी जोकि आमतौर पर इंडिया गेट जैसे सार्वजनिक स्थलों पर होने वाले कार्यक्रमों में अक्सर होती है या उम्मीद की जाती है.

कौन कौन आये :

दिल्ली पुलिस कमिश्नर इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे. स्पेशल कमिश्नर (विशेष आयुक्त) : राजेश मलिक , ताज हसन व उनकी पत्नी नुजहत हसन, संदीप गोयल, आरएस कृष्णैया, सुनील कुमार गौतम, तेजिंदर सिंह लूथरा, संजय सिंह, आरपी उपाध्याय, वीरेंद्र सिंह, सतीश गोलचा, मदन मोहन ओबरॉय और प्रवीर रंजन. ज्वाइंट कमिश्नर (संयुक्त आयुक्त) : देवेश श्रीवास्तव, रोबिन हिबू, राजेश खुराना, रविन्द्र यादव, सागरप्रीत हूडा, डेविड लालरिंगसंगा, अतुल कटियार, के जगदेशन और अरुण कम्पानी. इनके अलावा भी इन रैंक से नीचे के डीसीपी और एसीपी भी थे.