दिल्ली में कोविड 19 से जंग का एक और पहलू : पहले पुलिस खुद को बचाए

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दिल्ली पुलिस की ज्वाइंट कमिश्नर शालिनी सिंह के नेतृत्व में द्वारका ज़िले में पुलिस अधिकारियों और आईएमए (द्वारका) के अध्यक्ष डॉक्टर मुकेश वर्मा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों को जागरूक किया गया.

वैश्विक महामारी नोवेल कोरोना वायरस (कोविड 19) के संक्रमण से समाज को बचाने के लिये अहम सभी उपायों को अमल में लाने की ज़िम्मेदारी पुलिस की बन गई है लेकिन इस ज़िम्मेदारी को निभाने के लिए उसे इस संक्रमण से खुद को बचाना भी प्राथमिकता में रखना होगा. वजह ये है कि जिस तरह का पुलिस का काम है और जो उसके तौर तरीके हैं वो पुलिस के लिए इस संक्रमण की चपेट में आने की अधिकतम परिस्थितियाँ पैदा करते हैं. यही नहीं, कोविड 19 संक्रमण के अग्रिम मोर्चे पर जूझ रहे पुलिस कर्मी इस संक्रमण को फैलाने का एक बड़ा कारण भी बन सकते हैं. इसलिए पुलिकर्मियों को अपनी, अपने परिवार की और साथ ही साथियों व समाज की सुरक्षा के लिए खुद को संक्रमण के खतरे से बचाना बेहद ज़रूरी है और इस पहलू पर वो इतना ध्यान नहीं दे रहे.

दिल्ली पुलिस की ज्वाइंट कमिश्नर शालिनी सिंह के नेतृत्व में द्वारका ज़िले में पुलिस अधिकारियों और आईएमए (द्वारका) के अध्यक्ष डॉक्टर मुकेश वर्मा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों को जागरूक किया गया.

ऐसे शुरुआत :

कोविड संक्रमण के दौर में दिल्ली में ज़मीनी स्तर पर काम कर रहे पुलिसकर्मियों को इन तमाम बातों से रूबरू कराने की पहल दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की मदद से की है. इसके तहत दिल्ली पुलिस की ज्वाइंट कमिश्नर शालिनी सिंह के नेतृत्व में द्वारका ज़िले में पुलिस अधिकारियों और आईएमए (द्वारका) के अध्यक्ष डॉक्टर मुकेश वर्मा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों को जागरूक करने की मुहिम छेड़ी गई.

द्वारका में मंगलवार को इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले आई एम ए (द्वारका) के सचिव डॉक्टर प्रीतम पंकज ने बताया कि देश की राजधानी दिल्ली में किया गया इस तरह का ये पहला आयोजन है. पुलिस की तरफ से किये गये आग्रह के बाद डॉक्टर इसमें सहर्ष शामिल हुए जोकि समय की ज़रूरत भी है. पुलिस के अधिकारियों और डॉक्टरों की टीम ने पुलिकर्मियों को उन सावधानियों के बारे में बताया जोकि उन्हें रोजमर्रा का काम करते हुए खुद को संक्रमण से बचाने के लिए बरतनी चाहिये.

दिल्ली पुलिस की ज्वाइंट कमिश्नर शालिनी सिंह के नेतृत्व में द्वारका ज़िले में पुलिस अधिकारियों और आईएमए (द्वारका) के अध्यक्ष डॉक्टर मुकेश वर्मा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों को जागरूक किया गया.

यहाँ होती है गड़बड़ :

डॉक्टर प्रीतम पंकज का कहना था कि पुलिसकर्मी सोशल डिसटेंसिंग और मास्क पहनने से सम्बन्धित नियमों का पालन नहीं कर पाते हैं जो उनके संक्रमित होने का हमेशा बड़ा और खतरे वाला कारण बना रहता है. हाल ही में लॉकडाउन के दौरान दी गई ढील के बीच जब दिल्ली में शराब की दुकानें खोली गईं तो वहां भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस सोशल डिस्टेंस (फासला) बना कर नहीं रख पाई.

भीड़ को काबू करने की हड़बड़ाहट में जहां इस तरह की सावधानी बरतने में चूक होती है वहीं तरह तरह के नियमों का उल्लंघन करने वालों को पकड़ने और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की प्रक्रिया में भी कई बार गतिशीलता लाने के चक्कर में पुलिस वाले सावधानी बरतना भूल जाते हैं. दूसरी सबसे बड़ी चुनौती है मास्क पहनने से सम्बन्धित नियमों की जानकारी और मास्क पहनते वक्त इसका ध्यान रखने की.

डॉक्टरों का कहना है कि कायदे से हर बार मास्क को हाथ लगाने से पहले ये सुनिश्चित करना ज़रूरी होता है कि हाथ संक्रमण मुक्त हो. इसके लिए मास्क छूने से पहले हाथ को तरीके से साबुन से धोना या सेनेटाइज़र से कीटाणुमुक्त करना ज़रूरी है. चेहरे को बार बार हाथ लगाने या आँख मलने की आदत के कारण कोविड 19 का संक्रमण शरीर में प्रवेश करने की आशंका ज्यादा बनी रहती है. पुलिसकर्मियों से कहा गया है कि वो इस आदत पर नियंत्रण करने की कोशिश करें. हमेशा इस सावधानी का ख्याल जहन में रहेगा तो आदत पर काबू पा सकेंगे.

दिल्ली पुलिस की ज्वाइंट कमिश्नर शालिनी सिंह के नेतृत्व में द्वारका ज़िले में पुलिस अधिकारियों और आईएमए (द्वारका) के अध्यक्ष डॉक्टर मुकेश वर्मा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में तैनात पुलिसकर्मियों को जागरूक किया गया.

पुलिस और सुरक्षा बलों में संक्रमण :

दिल्ली, पंजाब, मुंबई हो या मध्य प्रदेश या कोई और राज्य हर जगह ये रुझान देखा गया है कि पुलिस के केस में संक्रमण गुटों में फैलता है जो खतरनाक है. ऐसे में पुलिस कर्मियों के लिए लगातार ऐहतियात बरतना और भी ज़रूरी है. उल्लेखनीय है कि दिल्ली में हाल ही में भारत नगर पुलिस थाने में तैनात सिपाही अमित की कोविड 19 संक्रमण से मौत हुई थी. इससे पहले पंजाब के लुधियाना में एसीपी अनिल कोहली , मध्य प्रदेश पुलिस के दो एस एच ओ , मुम्बई में तीन पुलिसकर्मियों और सीआरपीएफ में एक सब इंस्पेक्टर का निधन भी ऐसे ही संक्रमण से हुआ. भारत में अन्य क्षेत्रों और बलों में भी सुरक्षाकर्मियों के कोविड 19 से संक्रमित होने के मामले भी आ रहे हैं.यहाँ तक कि इस संक्रमण ने सेना में भी घुसपैठ कर ली है.