परेड में सशस्त्र पुलिस, सुरक्षा , कमांडो, यातायात, महिला स्कूटी गश्ती दल, साइकिल गश्ती दल और पीसीआर दस्ते की सभी महिला टुकड़ियां शामिल थीं. सभी महिला सदस्यों वाला पुलिस बैंड भी परेड का आकर्षण था
घुड़सवार पुलिस, डॉग स्क्वाड, एनईएटी, प्रखर, पराक्रम, स्वाट, वज्र, विक्रांत, यातायात प्रदर्शनी वाहन, चेहरे की पहचान प्रणाली वाहन, न्यायिक अभिरक्षा वाहन और ऑडियो/वीडियो सुविधाओं से लैस दिल्ली पुलिस जनसंपर्क कार्यालय वाहन की टुकड़ियां भी इसका हिस्सा थीं.मार्च पास्ट के बाद नशीली दवाओं के दुरुपयोग पर आधारित थीम पर नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया गया. इसमें सभी कलाकार दिल्ली पुलिस के कर्मी थे.
इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री राय ने दिल्ली पुलिस के सभी कर्मियों को बधाई दी और राष्ट्रीय राजधानी की सुरक्षा सुनिश्चित करने में दिल्ली पुलिस द्वारा प्रदर्शित समर्पण और बलिदान की सराहना की. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस, प्रत्येक नागरिक के जीवन और हितों की रक्षा करने में अपनी अनुकरणीय व्यावसायिकता के साथ हमेशा आगे बढ़ी है.
अपने स्वागत भाषण में, पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा ( police commissioner sanjay arora ) ने सभी अतिथियों को दिल्ली पुलिस स्थापना दिवस के अवसर पर बधाई दी और समारोह में हिस्सा लेने के लिए मुख्य अतिथि के प्रति आभार व्यक्त किया. उन्होंने आगे उल्लेख किया कि मानव संसाधन में दीर्घकालिक विकास के लिए, दिल्ली पुलिस ने रिकॉर्ड समय में 10,904 उम्मीदवारों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर ली है और साल के अंत तक उनमें से बड़ी संख्या में उचित प्रक्रिया के बाद बल में शामिल हो जाएंगे.
श्री अरोड़ा ने आगे कहा कि डीजीपी/आईजीपी सम्मेलन ( dgp / igp conference) के दौरान नए आपराधिक कानूनों पर विस्तार से चर्चा की गई और इन कानूनों को अपनाने के लिए दिल्ली पुलिस ने विभिन्न श्रेणियों में प्रशिक्षण प्रक्रिया शुरू की है और 8,800 जांच अधिकारियों को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। मार्च तक अन्य संबंधित कर्मचारी। नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) और ब्यूरो फॉर पुलिस रिसर्च एंड डेवलपमेंट (BPR&D) भी इस कार्य में दिल्ली पुलिस का सहयोग कर रहे हैं.
पुलिस आयुक्त ने दावा किया कि 2022 की तुलना में 2023 में जघन्य अपराध में 2.5% की गिरावट आई है. श्री अरोड़ा ने उन पुलिस कर्मियों के प्रयासों की सराहना की जो अपनी जान की परवाह किए बिना हर तरह की स्थिति में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं. . उन्होंने 100 से अधिक दिल्ली पुलिस कर्मियों की वीरता पर प्रकाश डाला, जो पिछले एक वर्ष के दौरान ड्यूटी के दौरान घायल हुए हैं.