ग्राहक : आटा कैसे किलो दिया है…?
दुकानदार : 50 रुपये किलो
ग्राहक : इतना महंगा क्यों दे रहे हो भैया, अभी तो डीएम साहब बोले हैं कि 30 रुपये किलो है आटा…..
दुकानदार : तो जाइये आप डीएम साहब से ही खरीद लीजिए
ग्राहक : अच्छा चावल कैसे किलो है…?
दुकानदार : चावल 60 रुपये किलो ….
ग्राहक : भैया बहुत महंगा दे रहे हो, कुछ कम कर दो…
दुकानदार : अब आप जाकर डीएम साहब से ही खरीदिए, हम इससे कम में नहीं दे पाएंगे.
अब दुकानदार को क्या पता था कि सामने वाला ग्राहक वाराणसी के ज़िला मजिस्ट्रेट यानि डीएम कौशल राज शर्मा और उनके साथ राशन व सब्जी खरीदने निकले वाराणसी के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक यानि एसएसपी प्रभाकर चौधरी हैं जो उसके जैसे दुकानदारों का इलाज करने के लिए निकले हैं.
कंधे और पीठ पर बैग लटकाये, साधारण पेंट-टी शर्ट पहने सड़कों पर पैदल दोनों अधिकारी ऐसे निकले थे जैसे पुरानी कहानियों में राजा प्रजा का दुःख दर्द जानने के लिए या राज काज के प्रभाव की असलियत पता लगाने के लिए भेष बदलकर निकला करते थे.
असल में अधिकारियों को शिकायतें मिल रही थीं कि कोरोना वायरस (COVID-19) के प्रकोप को नियंत्रित करने के लिए किये गये देश व्यापी लॉक डाउन के दौरान हालात का फायदा उठाकर कई दुकानदार कालाबाज़ारी, मुनाफाखोरी और जमाखोरी कर रहे हैं. इसकी असलियत का पता लगाने के लिए ये अधिकारी खुद सोमवार को वाराणसी के बाज़ारों में निकले और सब्जी, फल राशन आदि खरीद कर भाव पता कर रहे थे. जहां जहां भी भाव में गड़बड़ी मिली वहां वहां दुकानदारों को धर लिया गया. यही नहीं उन्होंने एक एक करके ऐसे 9 दुकानदारों को पकड़ा. केस दर्ज करके इन दुकानदारों को गिरफ्तार करके जेल भी भेज दिया गया.
उल्लेखनीय है कि भारत के प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी वाराणसी संसदीय क्षेत्र से सांसद है. वो यहाँ से दूसरी बार लोकसभा चुनाव जीतकर संसद पहुंचे.