वैश्विक महामारी कोविड 19 से उपजे संकट में, इससे युद्ध करने के लिए शहरों में हो या देहातों में, सभी जगह अग्रिम मोर्चे पर पुलिस को ही काम करना पड़ रहा है. क्यूंकि ये संकट अप्रत्याशित है लिहाज़ा पूरे समाज के विभिन्न समुदायों, वर्गों से लेकर सेवा क्षेत्रों में लगे लोगों और महकमों में काम करने वाले लोगों की प्रतिक्रियाएं ही अजीब नहीं हो रहीं बल्कि इनके काम में भी बदलाव आ गया है.
कर्फ्यू और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम पालन करवाने से लेकर राशन बंटवाने, घरों तक उसे पहुँचाने से लेकर खाना बनवाने और उसे ज़रूरतमंदों को बाँटते पुलिस कर्मियों की तस्वीरें तो आम हो चुकी हैं. लेकिन अब जो नज़ारे दिखाई दे रहे हैं वो शायद ही किसी ने सोचे होंगे.
यही नहीं राजधानी दिल्ली में लॉक डाउन के नियमों का पालन करने वालों को पुलिसकर्मियों का घर घर जाकर गुलाब के फूल बांटना और आभार जताने के तरीके के बाद अब अंदाज़ और बदला है. लॉक डाउन से घर और गली तक कैद रह गये परिवार जिन छोटी छोटी खुशियों को भी आपस में बांटने से महरूम रह जाते हैं, अब उनके लिए भी दिल्ली पुलिस कुछ नये और दिलचस्प तरीके अपना रही है. इसकी बानगी देखने को मिली चन्दनहोला इलाके में बुध बाज़ार की झुग्गी बस्ती में. यहाँ चार साल की एक बच्ची का जन्मदिन पुलिस ने मनाया. खुले में टेंट लगाया गया. आसपास के घरों से छोटे छोटे बच्चे बुलाये गए. बच्चों को बर्थडे कैप पहनाई गई और फिर केक काटा गया और बच्चों को बांटा गया. परिवार के बड़ों का रोल पुलिकर्मियों ने निभाया. कुर्सियों न मिलीं तो उनका भी यहाँ विकल्प खोज निकाला गया. सामान ढोने में इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के केरेट बैठने के काम आये. लेकिन इस सबके दौरान सोशल डिस्टेंसिंग के तौर तरीकों का ख्याल रखा गया.
वहीं दक्षिण दिल्ली के पॉश कालोनी में रहने वाले एक दम्पति की शादी की सालगिरह मनाने जब पुलिस इस अंदाज़ से पहुंची कि हर कोई हैरान रह गया. लाल नीली जलती बुझती बत्तियों और हूटर को संगीत के तौर पर बजाते मोटर साइकिलों और वाहनों में पुलिस का दल अचानक गली पहुंचा तो लोगों का अपने टेरेस और बालकनी से झांकना तो लाज़मी था. पुलिस ऐसे आई थी जैसे कोई घटना हो गई हो. लेकिन जब पुलिस ने वहां वाहन रोक कर पब्लिक एड्रेस सिस्टम से अनाउंसमेंट शुरू किया तो, अनजाने डर के साथ झाँक रहे लोगों के चेहरे खिल उठे और हाथ जुड़ गये. ज्यादातर के ताली बजाने के लिए तो कुछ के धन्यवाद देने के लिए.
पुलिस अधिकारी ने जैसे ही दम्पति का नाम लेकर उनकी वेडिंग एनिवर्सरी की शुभकामनाएं लाउड स्पीकर से दी तो पति पत्नी खुश होकर घर के गेट से बाहर आये. अधिकारी ने अपना परिचय, शुभकामनाएं एक बार फिर देते हुए तोहफा भी दिया – पौधे वाला गमला. बमुश्किल 2 – 3 मिनट चला शादी की सालगिरह मनाने का कार्यक्रम जिसमें पड़ोसियों ने अपने अपने घरों के बाहर से या बालकनी से ही तालियाँ बजाकर बधाइयां दी. मंत्रमुग्ध कर देने वाला अनुभव था ये सबके लिये. शायद ही किसी की शादी की सालगिरह इस तरह गली में मोहल्लेवालों के बीच मनाई गई हो वो भी पुलिस द्वारा.