भारतीय पुलिस सेवा (IPS ) की तेज़ तर्रार और वरिष्ठ अधिकारी भारती अरोड़ा एक बार फिर सुर्ख़ियों में हैं. अक्सर मुखर रहने वाली, हरियाणा की इस अफसर पर, लगाये गये इल्जामों की जांच के लिए गुरुग्राम (गुडगाँव) की अदालत ने आदेश दिए हैं. तीन साल पुराने इस मामले में इलज़ाम लगाने वाली ज्योत्सना भारद्वाज नाम की माडल हैं जो खुद एक IAS अधिकारी की पुत्रवधू हैं और जिन्होंने अपने पति पर दहेज की मांग और प्रताड़ित करने का केस भी किया था.
भारती अरोड़ा के साथ ही इस मामले में अभिनव चोपड़ा नाम के एक शख्स को भी मुख्य किरदार बनाया गया था जिसकी मौत हो चुकी है. हरियाणा काडर के 1998 बैच की अधिकारी और वर्तमान में महानिरीक्षक (सतर्कता) भारती अरोड़ा से ताल्लुक रखने वाला ये केस वर्ष 2015 का है जब वो गुरुग्राम में ज्वाइंट कमिश्नर के ओहदे पर थीं और ज्योत्स्ना व उनके पति के बीच केस की जांच कर रही थीं. ज्योत्स्ना ने गुरुग्राम ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (1st Class) रवीश कौशिक की अदालत में दायर याचिका में आरोप लगाये थे कि 8 अगस्त 2015 की सुबह 9.30 बजे से 10.00 के बीच पुलिस की पांच सदस्यों वाली जो टीम उन्हें नोटिस देने के लिए आई थी उसमें RSO (सड़क सुरक्षा अधिकारी) अभिनव चोपड़ा भी था और टीम के लौट जाने के पांच मिनट बाद ही उनके घर अकेला आया था. तब वो खुद घर में अकेली थीं और इस दौरान अभिनव ने अनाधिकृत रूप से घर में प्रवेश किया, उनके साथ आपत्तिजनक बातें कीं… कहा कि वो उन्हें (ज्योत्स्ना को) पसंद करता है. आरोप है कि अभिनव ने ज्योत्स्ना को भारती से मामला निपटवा देने की पेशकश भी की, अपना फोन नम्बर भी दिया और साथ ही गोपनीय तरीके से उनकी वीडियो फिल्म भी उस वक्त बनाई जब वो नाइटवियर में थीं.
याचिका में शिकायत की गई थी कि ये सब भारती अरोड़ा के निर्देश पर किया गया था और उस फिल्म को भारती अरोड़ा के अलावा अन्य पुलिस (पुरुष) अधिकारियों ने भी देखा था.
- भारती अरोड़ा का पक्ष :
दूसरी तरफ इस मामले में भारती अरोड़ा की तरफ से हरियाणा के पुलिस महानिदेशक को भेजी गई रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा गया कि जो पांच सदस्यों वाली टीम ज्योत्स्ना के सेक्टर 52 के घर पर भेजी गई थी उसमें इंस्पेक्टर सत्येन्द्र कुमार, सब इंस्पेक्टर (महिला) कृष्णा, सिपाही (महिला) रेनू और स्वतंत्र गवाह के तौर पर अभिनव चोपड़ा थे. नोटिस देने की प्रक्रिया के सबूत के तौर पर इसकी विडियोग्राफी करवाई गई थी.
भारती अरोड़ा का कहना है कि ये महिला ऐसा कोई पहली बार नहीं कर रही. ये पहले भी शिकायत कर चुकी हैं जो जांच में झूठी पाई गई और वो उनकी तरफ से दायर मानहानि के 2 केस का सामना कर रही हैं.
- कोर्ट का आदेश :
शिकायतकर्ता ज्योत्स्ना ने भारती अरोड़ा के खिलाफ IPC की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज करने की मांग की थी जिस पर अदालत ने सम्बंधित थाने के SHO को जांच करने के आदेश दिए.
- पहले भी विवाद :
भारती अरोड़ा पहले भी विवादों की वजह से सुर्ख़ियों का हिस्सा बनती रही हैं. जब वो गुरुग्राम में ज्वाइंट कमिश्नर थीं तब उन्होंने अपने बॉस कमिश्नर नवदीप सिंह विर्क पर आरोप लगाया था कि वे उन्हें हाई प्रोफाइल परिवार से जुड़े बलात्कार के केस की जांच में गलत तरीके से दखल दे रहे हैं. और उनके हिसाब से काम न करने पर मानसिक तौर पर प्रताड़ित कर रहे हैं. दिलचस्प है कि ये केस भी अजय भारद्वाज से जुड़ा हुआ है. ज्योत्स्ना से शादी से पहले अजेय उस महिला के साथ ‘लिव -इन -रिलेशन’ में रहता था. उसी महिला ने अजय पर रेप का केस किया था. एक बहुराष्ट्रीय कम्पनी के अधिकारी अजय के IAS पिता आर पी भारद्वाज गुरुग्राम में DC रह चुके हैं. भारती अरोड़ा का कहना था कि कमिश्नर विर्क अजय को फंसाने में लगे थे जबकि विर्क का कहना था कि भारती अजय को बचाने में लगी थीं क्यूंकि अजय की बहन से भारती की दोस्ती थी. भारती अरोड़ा ने तब इस केस की सीबीआई से जांच करवाने की मांग भी की थी.
इससे पहले भारती अरोड़ा हरियाणा में तब चर्चित हुई थीं जब उन्होंने सडक पर विरोध प्रदर्शन के बीच रास्ता जाम करने पर विधायक (मौजूदा हरियाणा सरकार में मंत्री) अनिल विज को गिरफ्तार किया था. तब वो पुलिस अधीक्षक थीं और इसके बाद उनका तबादला फतेहाबाद कर दिया गया था.