भारत में आतंकवादी गतिविधियों में एक ब्रिटिश सैनिक जगजीत सिंह के शामिल होने की बात सामने के बाद अजीबो गरीब स्थिति पैदा हो गई है . पंजाब पुलिस की तरफ से मीडिया को जगजीत सिंह के बारे में उपलब्ध करवाई जानकारी के जवाब में ब्रिटिश सेना ने स्पष्ट किया है कि उस विवरण और नाम वाला कोई सैनिक ब्रिटेन की सेना में नहीं है . उधर जगजीत सिंह के परिवार वालों ने जगजीत के ब्रिटिश सेना में भर्ती होने की बात कबूली है लेकिन साथ ही कहा है कि अब जगजीत सिंह से उनका कोई संबंध नहीं है .
जगजीत सिंह का नाम सोमवार को उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में खालिस्तान जिंदाबाद फ़ोर्स ( khalistan zindabad force ) के तीन आतंकवादियों के मुठभेड़ में मारे जाने के बाद सामने आया था. यह मुठभेड़ पंजाब पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस की संयुक्त टीम का ऑपरेशन था .
आरोपी ब्रिटिश सिख सैनिक जगजीत सिंह के माता-पिता ने दावा किया है कि उसके “प्रेम विवाह” करने के बाद उन्होंने उससे संबंध तोड़ लिए हैं, लेकिन उन्होंने पंजाब पुलिस के दावों पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनका दावा “कोई मतलब नहीं रखता”. जगजीत सिंह के पिता जोगिन्दर सिंह भारतीय सेना से सूबेदार के पद से सेवानिवृत्त हैं . जोगिंदर सिंह ने पुष्टि की है कि उनका बेटा जगजीत सिंह ब्रिटिश सेना में कार्यरत है और उसने अफगानिस्तान में सेवा की है.
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने भारत में आतंकवादी गतिविधियों में जगजीत सिंह की संलिप्तता के बारे में पंजाब पुलिस के निष्कर्षों का खंडन करते हुए कहा है कि उस नाम का कोई भी व्यक्ति ब्रिटिश सेना में सेवारत नहीं था. हालांकि, पंजाब के पुलिस महानिदेशक (director general of police ) गौरव यादव ने अपने अधिकारियों द्वारा की गई जांच का समर्थन किया है . डीजीपी गौरव यादव ने पहले कहा था कि “सेवारत ब्रिटिश सैनिक” जगजीत सिंह ने छद्म नाम फतेह सिंह बागी का इस्तेमाल किया था और उसने प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के आतंकी मॉड्यूल को संभाला था. इस गुट के प्रमुख रंजीत सिंह नीटा ने पुलिस प्रतिष्ठानों पर हमलों की जिम्मेदारी ली थी.
गौरव यादव ने सोमवार को मुठभेड़ में केजेडएफ (kzf ) के तीन संदिग्ध सदस्यों के मारे जाने के बाद जगजीत सिंह का नाम लिया था.
उधर ब्रिटेन ने भारत में आतंकवादी गतिविधियों में ब्रिटिश सेना के जवान जगजीत सिंह की संलिप्तता के बारे में पंजाब पुलिस के निष्कर्षों का खंडन किया है. द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि उस नाम का कोई भी व्यक्ति ब्रिटिश सेना में सेवारत नहीं था, जबकि पुलिस महानिदेशक गौरव यादव ने जांच का समर्थन किया और कहा कि मामले को “उचित चैनलों के माध्यम से” ब्रिटिश अधिकारियों के समक्ष उठाया जाएगा.
पुलिस डोजियर के मुताबिक़ , जगजीत सिंह और उसके सहयोगी पैसे और विदेश प्रवास के बदले पंजाब से युवाओं की भर्ती करके राज्य में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए धार्मिक संप्रदायों के प्रमुखों को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे. इस सम्बन्ध में यूएपीए ( UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया था और जगजीत सिंह को मामले में भगौड़ा अपराधी ( proclaimed offender) घोषित किया गया था.
नवंबर 2021 में जगजीत का नाम फिर से सामने आया जब तरनतारन के सोहल गांव के एक आरोपी रंजीत सिंह से दो हथगोले और दो पिस्तौल बरामद किए गए. इस संबंध में शस्त्र अधिनियम, विस्फोटक पदार्थ (संशोधन) अधिनियम 2001 के तहत थाना एसएसओसी, अमृतसर में मामला दर्ज किया गया है.
डोजियर में कहा गया है कि जगजीत सिंह 2010 में छात्र वीजा पर ब्रिटेन चला गया था और विदेश में आने के बाद से ही पंजाब में आतंकवाद को पुनर्जीवित करने के प्रयासों में शामिल रहा है.
पंजाब के डीजीपी ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया था कि “सेवारत ब्रिटिश सैनिक” जगजीत सिंह जो फतेह सिंह बागी के छद्म नाम का इस्तेमाल करता था, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स के आतंकी मॉड्यूल को संभालता था.
वहीं इंडियन एक्सप्रेस के एक सवाल के जवाब में ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय ने आरोप से इनकार किया. लन्दन के व्हाइट हॉल स्थित मंत्रालय के अधिकारी रियान शिलाबीर ने कहा , “इस नाम या छद्म नाम वाला कोई भी व्यक्ति वर्तमान में ब्रिटिश सेना में सेवारत नहीं है. हमारे पास भारतीय अधिकारियों की ओर से सेना में किसी के भी उस घटना में शामिल होने के बारे में कोई संपर्क नहीं है, जिसका आप उल्लेख कर रहे हैं,”
पंजाब पुलिस द्वारा जारी की गई एक तस्वीर का हवाला देते हुए अखबार ने बताया कि यह तस्वीर जगजीत सिंह की है. इस पर शिलाबीर ने कहा कि यह तस्वीर ब्रिटिश सिख सैनिक की है, जिसका नाम बताए गए नाम से मेल नहीं खाता, यहां तक कि वर्तनी में भी भिन्नता है. शिलाबीर ने कहा, “भारत में आपराधिक या आतंकवादी गतिविधि की कोई भी जांच भारतीय नागरिक और सैन्य अधिकारियों का मामला है. कोई भी पूछताछ उन्हीं से की जानी चाहिए.”
ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय के इनकार के बारे में पूछे जाने पर पंजाब के डीजीपी यादव ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा कि वे अपने अधिकारियों द्वारा की गई जांच के साथ खड़े हैं. उन्होंने कहा, “हमने जो जानकारी दी है, वह गहन जांच और आतंकवादी कृत्यों के लिए गिरफ्तार किए गए आरोपियों से पूछताछ से मिली थी . पंजाब पुलिस इस मामले को उचित माध्यमों से ब्रिटिश अधिकारियों के सामने रखेगी.
पंजाब पुलिस मंगलवार को अपने दावों पर कायम रही. एक बयान के साथ, उन्होंने एक और तस्वीर जारी की, जिसमें दावा किया गया कि यह जगजीत सिंह की नवीनतम तस्वीर है. पुलिस ने कहा कि पिछले तीन महीनों में पंजाब में हथगोले और आईईडी का उपयोग करके कई आतंकवादी हमले हुए हैं, जिनमें पुलिस चौकियों पर किए गए हमले भी शामिल हैं. पुलिस के बयान में कहा गया है, “इन हमलों की जिम्मेदारी प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के प्रमुख रंजीत सिंह नीटा और केजेडएफ के तहत स्वयंभू ‘निगरानी और टोही इकाई’ के फतेह सिंह बागी ने सोशल मीडिया पोस्ट पर ली है. “
बयान में कहा गया है, “केजेडएफ के इन मॉड्यूलों की जांच से पंजाब पुलिस को ब्रिटिश सेना के एक सिख सैनिक जगजीत सिंह (37) का पता चला है, जो मूल रूप से तरनतारन के मियांपुर गांव का रहने वाला है. जगजीत सिंह पर अपनी असली पहचान छिपाने के लिए छद्म नाम फतेह सिंह बागी का इस्तेमाल करने का शक है. “
बयान में कहा गया है कि जगजीत सिंह 2010 में छात्र वीजा पर यूके गया था. माना जाता है कि पढ़ाई पूरी करने के बाद वह 2013 में ब्रिटिश सेना में शामिल हुआ . ब्रिटेन जाने के बाद कट्टरपंथी सोच वाले जगजीत सिंह ने प्रतिबंधित आतंकवादी समूहों बब्बर खालसा इंटरनेशनल (बीकेआई) और केजेडएफ के साथ संबंध बनाए. उसने अकालजोत खालिस्तान फोर्स (AKF) नाम से एक कट्टरपंथी गुट बनाया और गुट में नए सदस्यों की भर्ती करके पंजाब में आतंकवादी गतिविधियों को फिर से शुरू करने की कोशिश कर रहा था.
पुलिस ने कहा कि 2011 में पता चला था कि जगजीत सिंह और उसके साथी पंजाब में सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए धार्मिक संप्रदायों के प्रमुखों को निशाना बनाने की योजना बना रहे थे. जालंधर पुलिस स्टेशन में यूएपीए के तहत मामला दर्ज किया गया था और उसे मामले में भगोड़ा घोषित किया गया था. पुलिस ने कहा, “नवंबर 2021 में तरनतारन के सोहल गांव के गिरफ्तार आरोपी रंजीत सिंह से दो हथगोले और दो पिस्तौल बरामद किए गए थे. इस मामले में भी जगजीत सिंह का नाम सामने आया था।”
हालांकि, बयान में कहा गया कि , “ब्रिटिश अधिकारियों से यह पता लगाना बाकी है कि वह अभी भी सेवा में है या नहीं. “