चंडीगढ़: सिपाहियों व होमगार्ड्स से घरों में काम कराने वाले अफसरों को चेतावनी दी

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चंडीगढ़ पुलिस मुख्यालय

केन्द्रशासित क्षेत्र चंडीगढ़ में बगैर वैध आदेश के कई पुलिसकर्मी और होम गार्ड्स जवान वरिष्ठ अधिकारियों के घरों या अन्य पुलिस इकाइयों में काम करते पाए गए हैं . इसके बाद चंडीगढ़ के पुलिस महानिदेशक सुरेन्द्र सिंह यादव ने सख्त आदेश जारी किए हैं . बिना आधिकारिक आदेश की यह तैनाती नियमों का उल्लंघन और इसके लिए ज़िम्मेदार अधिकारियों को चेतावनी जारी करते हुए उन पर कठोर कार्रवाई करने की बात भी कही गई है .

चंडीगढ़ के डीजीपी ( dgp chandigarh )के आदेश में , उनकी जानकारी में आए तथ्य का हवाला देते हुए कहा गया है कि कांस्टेबल और होमगार्ड समेत कुछ पुलिसकर्मियों को बिना किसी वैध अधिकार के विभिन्न इकाइयों/परिसरों, जिसमें आवास भी शामिल हैं, में अटैच किया गया है. बिना उचित प्राधिकरण के अटैच किए गए सभी कर्मियों को तुरंत ऐसे काम  से हटा दिया  जाना चाहिए.

इस सम्बन्ध में अंग्रेज़ी दैनिक हिन्दुस्तान टाइम्स में प्रकाशित समाचार में  पुलिस सूत्रों के हवाले से बतया गया है कि  लगभग 300 पुलिस कर्मियों को पुलिस उपाधीक्षकों और निरीक्षकों के साथ अटैच किया गया था.  इनमें से प्रत्येक पुलिसकर्मी के साथ पुलिस स्टेशनों या आवासों में लगभग तीन से चार अनधिकृत अटैचमेंट काम करते पाए गए.  उनमें से कुछ तो बिना किसी आधिकारिक आदेश के एक विशेष इकाई में पांच साल तक काम कर रहे थे.

पुलिस महानिदेशक के आदेश  में पर्यवेक्षी अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार ठहराया गया कि उनकी इकाइयों में कोई अनधिकृत अटैचमेंट न हो.  उन्हें इस तरह के किसी भी उल्लंघन का पता लगाने  के लिए लगातार  निगरानी और  समय समय पर पड़ताल  करने का निर्देश दिया गया. डीजीपी के निर्देश में कहा गया है, “अनधिकृत कर्मियों को अपनी इकाइयों में अटैच करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी.” इसके अतिरिक्त, ऐसे अनधिकृत कर्मियों का वेतन संबंधित अधिकारियों से वसूला जाएगा.

होमगार्ड जवान अस्थायी कर्मचारी होते हैं, जो अनुबंध के आधार पर पुलिस विभाग से जुड़े होते हैं. उनका काम  थाने , गश्ती ड्यूटी, यातायात ड्यूटी, पीसीआर इकाइयों और अन्य विभागीय कार्यों में या दैनिक कार्यों में स्थानीय पुलिस की सहायता करना है. वे विरोध प्रदर्शन, हड़ताल, सड़क जाम, जुलूस, तोड़फोड़ अभियान आदि जैसी स्थितियों के दौरान अनुरोध पर स्थानीय पुलिस को सहायता भी प्रदान करते हैं.

अखबार ने इस सन्दर्भ में  डीजीपी सुरेंद्र सिंह यादव का बयान प्रकाशित किया है. उन्होंने  कहा, “यह मैनपावर ऑडिट के एक हिस्से  के तौर पर  किया जा रहा है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि सभी होमगार्ड स्वयंसेवक कहां तैनात हैं.”