भारत के दो राज्यों पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी के साथ साथ संघ शासित क्षेत्र (UnionTerritory) का रुतबा रखने वाले आधुनिक शहर चण्डीगढ़ में अब पुलिस ने तीन नई सेवाएँ शुरू की हैं. पुलिस को गतिमान, आधुनिक तकनीक से लैस बनाने और जनता से बेहतर सम्बन्ध बनाने की उम्मीद के साथ लांच की गई इन सेवाओं में सबसे उपयोगी डायल 112 हो सकती है. ये एक ऐसा हेल्पलाइन नम्बर है जिसको नागरिक किसी भी तरह की मुसीबत के समय, मदद पाने के लिए, मिला सकते हैं. इसके अलावा जो और दो सेवा शुरू की गई वो हैं बीट पर तैनात पुलिस कर्मियों के लिए ई बीट बुक (E-Beat Book) और ई साथी ऐप (E-Saathi App).
केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने चंडीगढ़ पुलिस की ये तीन सेवाएं शुक्रवार को औपचारिक तौर एक कार्यक्रम के दौरान लाँच की. दरअसल डायल 100 उस इमरजेंसी रेस्पोंस सपोर्ट सिस्टम (Emergency Response Support System ERSS) का हिस्सा है जिसे केन्द्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से जारी निर्भय कोष के तहत चलाया जाता है. एम्बुलेंस चहिये हो, आग लगे, अपराध की सूचना देनी हो ऐसी कोई और मुसीबत हो, नागरिकों को इसके लिए अलग अलग विभागों या हेल्पलाइन को सम्पर्क करने की ज़रुरत नहीं. डायल 100 पर कॉल करके ऐसे हालात में मदद मांगी जा सकती है. कॉल करने के अलावा डायल 112 इंडिया ऐप भी डाउनलोड किया जा सकता है. उस पर कॉल, मैसेज या मेल भी भेजा जा सकता है.
ई बीट बुक (E-Beat Book) बेब और मोबाइल आधारित एप्लीकेशन है जो अपराध और अपराधियों से सम्बन्धित ताज़ा सूचना रियल टाइम अपडेट (real time update) करती है. इससे पुलिसकर्मी को स्थिति का सही अंदाज़ा लगाने में मदद मिलती है. चण्डीगढ़ को 54 डिवीज़न में बांटा गया है और हरेक डिवीज़न में एंड्रायड आधारित मोबाइल फोन वाले बीट प्रभारी पुलिसकर्मी की देखरेख में ‘अटल सहभागिता केन्द्र’ बनाये गये हैं. ई बीट बुक अपराध और अपराधियों के बारे में जानकारियाँ उपलब्ध करने वाले सीसीटीएनएस (Crime and Criminal Tracking Network & Systems – CCTNS) से जुड़ा है. पुलिस का कहना है कि आम नागरिक किसी भी तरह की जानकारी, सुझाव देने या मदद पाने के लिए यहाँ भी संपर्क कर सकते हैं.
ई साथी ऐप (E-Saathi) नागरिकों और पुलिस आपस में सम्पर्क में रहने के मकसद से बनाई गई है. इस ऐप के ज़रिये बीट अधिकारी पासपोर्ट जाँच, किरायदारों और घरेलू नौकरों की वेरिफिकेशन, चरित्र प्रमाण पत्र जैसी वो सुविधाएं लोगों को मुहैया करवा सकता है जिसके लिए उन्हें थाने जाना पड़ता है. ये न सिर्फ काम की रफ्तार बढ़ाने वाला बल्कि जनता का समय और परेशानी बचाने का भी एक अच्छा तरीका है.