केन्द्रीय प्रशासनिक पंचाट (CAT -कैट) ने पंजाब पुलिस के प्रमुख के तौर पर आईपीएस अधिकारी दिनकर गुप्ता की नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका स्वीकार कर ली है. ये याचिका पंजाब में उनसे वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों मोहम्मद मुस्तफा और सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने दायर की थीं. दिनकर गुप्ता को 7 फरवरी को 2019 को दो साल के लिए पंजाब पुलिस का महानिदेशक तैनात किया गया था. ऐसा करते वक्त उनसे वरिष्ठ 5 अधिकारियों को नज़रन्दाज़ किया गया जिनमें मोहम्मद मुस्तफा और सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय के नाम प्रमुख थे. बाकी तीन अधिकारी हरदीप ढिल्लों, जसमिंदर सिंह और सामंत गोयल हैं.
कैट के इस याचिका की मंज़ूरी पर प्रतिक्रिया में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि ये मामला केन्द्रीय प्रशासनिक पंचाट (CAT -कैट), केन्द्रीय लोक संघ सेवा आयोग (UPSC – यूपीएससी) और अधिकारियों के बीच सुलटाया जाना है. साथ ही उन्होंने जोर दिया कि दिनकर गुप्ता अभी पुलिस प्रमुख बने रहेंगे.
ये है मामला :
दरअसल, दिनकर गुप्ता भारतीय पुलिस सेवा के 1987 बैच के अधिकारी हैं जबकि मोहम्मद मुस्तफा 1984 बैच के हैं. वो भी डीजीपी रैंक के अधिकारी हैं और फिलहाल पंजाब की नशा निरोधक विशेष टास्क फ़ोर्स के प्रमुख हैं. दिनकर गुप्ता की नियुक्ति के वक्त ही उन्होंने इस मामले में अदालत का दरवाज़ा खटखटाने की बात कही थी. उनका कहना था कि वो पुलिस प्रमुख के ओहदे पर तैनाती के लिए हर तरीके से योग्य थे इसके बावजूद उनके नाम पर विचार तक नहीं किया गया. डीजीपी रैंक के अन्य अधिकारी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय ने भी केन्द्रीय प्रशासनिक पंचाट (CAT -कैट) में याचिका दायर करके कहा है कि उनको भी नज़रन्दाज़ किया गया.
फैसले का असर :
वरिष्ठों को नज़रन्दाज़ करके विभिन्न पुलिस बलों, सैन्य और अर्द्ध सैन्य बलों में अधिकारियों की प्रमुख के ओहदे पर तैनाती का ये कोई नया मामला नहीं है लेकिन कैट का इस मामले में फैसला भविष्य में ऐसे पदों पर होने वाली नियुक्तियों को प्रभावित करेगा. उल्लेखनीय है कि दिल्ली पुलिस में भी फिलहाल नये पुलिस कमिश्नर की तैनाती पर अधिकारी के नाम का फैसला नहीं हो सका है. वर्तमान पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक 31 जनवरी को रिटायर हो रहे हैं. उनकी जगह पुलिस कमिश्नर बनाये जाने के लिए अलग अलग बैच के अधिकारियों के नाम पर चर्चा चल रही है.