बिहार की बबली कुमारी इन दिनों खूब चर्चा में है. इसका कारण है हर सूरत में आगे बढ़ने उनका ज़बरदस्त हौसला. बबली की कामयाबी की कहानी उन लोगों के लिए भी प्रेरणा भी है और जोश भी देती है जिन्हें जीवन की विपरीत परिस्थितयां भी बड़े सपने देखने से रोक नहीं पातीं. ऐसे लोग जो अपने सपने साकार करने लिए लगातार कोशिश करते रहते हैं. बबली कुमारी हाल ही तक बिहार पुलिस में सिपाही थीं और अब उनका नाम बिहार में पुलिस उपाधीक्षकों की लिस्ट में है.
बिहार के गया ज़िले की रहने वाली बबली कुमारी (babli kumari) एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखती हैं जहां के हालात उनको किसी भी तरह की पक्की सरकारी नौकरी करने पर मजबूर कर रहे थे. बबली की 2013 में शादी हुई. आर्थिक हालात अच्छे नहीं थे. पति घर पर रहकर छोटा मोटा व्यवसाय करते थे. 2015 में बबली ने बिहार पुलिस में सिपाही की भर्ती परीक्षा दी और पास भी कर ली. जीवन की गाडी चलने लगी. बिटिया के तौर एक सन्तान भी हुई. इन जिम्मेदारियों के बावजूद बबली ने पुलिस के करियर में आगे बढ़ने का सपना देखना नहीं छोड़ा. बेगूसराय में अपनी तैनाती के दौरान भी परीक्षा की तैयारी के लिए पढ़ाई करती रहीं.
लगन, कड़ी मेहनत और परिवार के सहयोग के बूते सिपाही बबली कुमारी ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की परीक्षा भी पास कर ली और अगस्त 2022 में जब डीएसपी के तौर पर उनका चयन हुआ तब उनकी गोद में सात माह की बच्ची थी. यानि बबली कुमारी को अपनी ट्रेनिंग के दौरान दुधमुहीं बच्ची की ज़िम्मेदारी भी उठानी होगी जिसके लिए वो खुद को तैयार कर रही हैं.
एक मां के साथ साथ पुलिकर्मी का भी फर्ज़ पूरा करती बबली कुमारी की कहानी सुनकर बेगूसराय ज़िले के अधीक्षक (एसपी) योगेन्द्र कुमार ने उनको अपने दफ्तर में बुलाकर सम्मानित किया. एसपी योगेन्द्र कुमार ने कहा कि अन्य उन पुलिसकर्मियों को बबली की कामयाबी से सीख लेनी चाहिए जो ऐसे अपने सपने साकार करना चाहते हैं.