सीआईएसएफ में महिलाओं की बटालियन बनाने को मंज़ूरी मिली

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केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल में महिलाएं
केन्द्रीय औद्योगिक  सुरक्षा बल ( central industrial security force ) में अब सम्पूर्ण महिला बटालियन का गठन किया जाएगा. केन्द्रीय गृह  मंत्रालय ने मंगलवार ( 12 नवंबर 2024 ) को सीआईएसएफ की पहली महिला बटालियन की स्थापना को मंजूरी दे दी है .

वर्तमान में 1 लाख 77 हज़ार कार्मिकों वाले सीआईएसएफ में 7 फ़ीसदी महिलाएं लेकिन अलग से उनकी बटालियन नहीं है . आम तौर पर बटालियन में औसतन 1000 कार्मिक होते हैं .

सीआईएसएफ (cisf ) मुख्यालय ने नई बटालियन के मुख्यालय के लिए प्रारंभिक भर्ती, प्रशिक्षण और स्थानों के चयन की तैयारी शुरू कर दी है.  प्रशिक्षण को विशेष रूप से एक विशिष्ट बटालियन बनाने के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है जो वीआईपी सुरक्षा और हवाई अड्डों, दिल्ली मेट्रो रेल की सुरक्षा में कमांडो के रूप में विविध भूमिकाएँ निभाने में सक्षम हो.

सीआईएसएफ  ( cisf ) में सभी महिला बटालियनों के गठन  का प्रस्ताव 53वें सीआईएसएफ दिवस समारोह के अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के निर्देश के अनुसरण में शुरू किया गया था.

उस कार्यक्रम में गृह मंत्री शाह ने कहा था कि सभी केन्द्रीय  पुलिस संगठनों  में सीआईएसएफ एकमात्र ऐसा बल है जिसमें हम महिला कर्मियों की संख्या बढ़ा सकते हैं, क्योंकि चाहे एयरपोर्ट हो या मेट्रो, हर दिन आपको 50 प्रतिशत महिला यात्रियों की सुविधा बढ़ानी होगी ताकि उनकी यात्रा सुगम हो सके. उनका कहना था कि सीआईएसएफ में महिला कर्मियों का अनुपात 94:6 से कम से कम 80:20 तक ले जाने के प्रयास किए जाने चाहिए.

सीआईएसएफ परमाणु और एयरोस्पेस प्रतिष्ठानों समेत विभिन्न  सरकारी प्रतिष्ठानों को आतंकवाद विरोधी सुरक्षा प्रदान करता है. कई  निजी कंपनियां भी अपने औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ कर्मियों को नियुक्त करती हैं और सालाना 100 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान करती हैं.  बेंगलुरु और पुणे में इंफोसिस के कार्यालय और गुजरात के जामनगर में रिलायंस रिफाइनरी सीआईएसएफ सेवाओं के कुछ निजी उपयोगकर्ता हैं.