दिल्ली पुलिस की तरफ से शुरू की गई युवा परियोजना के उत्साहवर्द्धक नतीजे सामने आ रहे हैं. स्कूल की पढ़ाई अधूरी रह जाने, घर की खस्ता माली हालत, बेरोजगारी और आसपास के माहौल या संगत की वजह से जिन नौजवानों के कदम अपराध की तरफ बढ़ने की आशंका रहती है, उनकी बेहतरी के लिए शुरू की गई इस योजना के 22 वें केंद्र की कल शुरुआत हुई है. बेरोजगार नौजवानों को अलग अलग तरह के कौशल का प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार के लायक तैयार करने वाले ऐसे केंद्र का औपचारिक उद्घाटन दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल ने लोधी कालोनी में किया.
दो साल पहले शुरू किये गये इस ‘युवा प्रोजेक्ट’ को कौशल विकास योजना के तहत एक प्राइवेट कम्पनी की मदद से चलाया जा रहा है. दिल्ली पुलिस की एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक़ नये केंद्र में 130 युवाओं को रोजगारोन्मुख, आपात चिकित्सा तकनीकी कोर्स (Emergency Medical Technician Course) में दाखिला करवाकर एक और कीर्तिमान स्थापित किया गया है. उम्मीद की जाती है कि इन सभी प्रशिक्षित युवाओं को कोर्स पूरा खत्म होते ही अच्छे अस्पतालों में रोजगार उपलब्थ हो सकेगा. उन्हें रोजगार दिलाने में दिल्ली पुलिस भी कोशिश करती है.
युवा परियोजना दिल्ली के उपराज्यपाल के संरक्षण और पुलिस आयुक्त की निगरानी के तहत चलाई जा रही है. पुलिस का कहना है कि अब तक बड़ी तादाद में इस योजना के तहत नौजवानों को ट्रेंड किया जा चुका है और उनमें से 70 से 75 प्रतिशत को या तो नौकरी मिली है या उन्होंने खुद का काम शुरू किया है. एक अंदाज़ के मुताबिक तकरीबन नौ हजार युवाओं को ये केंद्र अलग अलग किस्म के कौशल का प्रशिक्षण दे चुके है.
आज उद्घाटन समारोह के अवसर पर पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक के अलावा दिल्ली पुलिस के कई अधिकारी और परियोजना से जुड़े अन्य क्षेत्रों के लोग भी थे. पुलिस कमिशनर अमूल्य पटनायक ने योजना की शुरुआत की पृष्ठभूमि का ज़िक्र करते हुए कहा कि कई बार उन्होंने चर्चा में यह पाया था कि पढ़े लिखे युवा आपराधिक गतिविधियों की और उन्मुख हो रहे हैं. ऐसी चर्चा उपराज्यपाल से भी होती थी तो उन्होंने इस कार्यक्रम को शुरुआत करने की सोची जो आज एक सफल रूप ले चुका है.