शहीद पुलिस अधिकारियों के परिवारों और उनके कल्याणार्थ की जाने वाली गतिविधियों के लिए दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड अधिकारियों की छोटी सी पहल धीरे धीरे ही सही लेकिन जरूरी आकार लेने लगी है. ये पहल है एक ऐसे कोष की स्थापना है जिसके जरिये शहीद पुलिस अधिकारियों के जरूररतमंद परिवारों के बच्चों की शिक्षा आदि पर खर्च में मदद की जा सके.
अभी साल भर भी नहीं हुआ है लेकिन इस कोष में देश के अलग अलग हिस्सों में रह रहे अधिकारी ही नहीं, विदेश में जा बसे सक्षम रिटायर्ड अफसर भी गजब का उत्साह दिखा रहे हैं. ऐसे ही एक रिटायर्ड सहायक पुलिस आयुक्त (ACP ) हैं बीएल आनन्द. उन्होंने इस नये कोष के लिए एक लाख रूपये दिए हैं. इसके लिए रिटायर्ड आईपीएस अधिकारी और दिल्ली पुलिस के पूर्व आयुक्त तिलकराज कक्कड़ ने खासतौर से आभार जाहिर किया है.
असल में ये कोष बनाने का विचार दिल्ली पुलिस के सेवानिवृत्त अधिकारियों की संस्था दिल्ली पुलिस रिटायर्ड गैजेटेड आफिसर्स एसोसिएशन की अर्धवार्षिक आमसभा में रिटायर्ड एसीपी पीएन चोपड़ा ने रखा था. उनका प्रस्ताव था कि ऐसा कोष बनाया जाए जिससे जरूरत होने पर कल्याण के काम और शहीद पुलिस अधिकारियों के आश्रितों, खासतौर से बच्चों की शिक्षा प्राप्त करने में मदद की जा सके. छह महीने पहले रखे गये इस प्रस्ताव के बाद कोष के लिए संस्था ने बैंक खाता खोला और तमाम अधिकारियों से अपील की गई की वो हर महीने थोड़ी बहुत धनराशि इस खाते में स्वेच्छा से जमा कराएँ. संस्था से जुड़े अधिकारी और दिल्ली पुलिस के रिटायर्ड पीआरओ रवि पवार ने तमाम अफसरों को ई मेल भेजकर जागरूक किया जिसके बाद धीरे धीरे इस खाते में रकम आनी शुरू हो गई.
- कोई भी अधिकारी इस खाते में धनराशि जमा करा सकता है. भारतीय स्टेट बैंक में खोले गये इस खाते का विवरण :
State Bank of India (01270)
Dayanand Road, Daryaganj,
Delhi – 11002
Account Name : Delhi Police Retired Gazetted Officers Association
Account number – 37548716529
IFS Code : SBIN0001270
दिलचस्प बात ये है कि इस कोष के लिए अंडमान में तैनात रहे उन एडिशनल एसपी (ACP) रत्न सिंह के बेटे ने भी योगदान दिया जिनका स्वर्गवास हो चुका है. कुछ अधिकारी हरेक महीने इसमें रकम जमा कराते हैं और कुछ सालभर के हिसाब से एक साथ. हाल ही में एक लाख 11 हजार रूपये जिन रिटायर्ड एसीपी आनन्द ने जमा कराए हैं, वो अब अमेरिका में रहते हैं. एसोसिएशन के अध्यक्ष के नाते श्री कक्कड़ ने उन्हें पत्र भेजकर धन्यवाद किया है.