केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि सीआरपीसी (CrPC) और आईपीसी (IPC) में बदलाव वक्त की जरूरत है जिस पर काम किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्तर की नेशनल पुलिस यूनिवर्सिटी तथा फॉरेंसिक यूनिवर्सिटी बनेगी जिसका उद्देश्य पुलिस तथा सशस्त्र बलों में जाने वाले विद्यार्थियों को तैयार करना होगा. अमित शाह ने कहा कि देश में केसों में सजा कराने का अनुपात दयनीय है जिसे फॉरेंसिक साइंस की वैज्ञानिक रिपोर्ट की मदद से सुधारा जा सकता है. उन्होंने इसके लिए मानव संसाधन की व्यवस्था भी करने की जरुरत का जिक्र किया.
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि जेल विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों को ऐसे प्रशिक्षण की ज़रूरत है जिससे मुजरिमों को सजा के बाद जेल से बाहर आने पर अच्छा नागरिक बनाया जा सके. अमित शाह का मानना है कि पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (BPRD) राज्यों की पुलिस व्यवस्था सुदृढ़ करने में प्रभावशाली भूमिका निभा सकता है. उन्होंने कहा कि बीपीआरडी को राज्य की पुलिस के आधुनिकीकरण का सशक्त प्लान बनाना चाहिए.
श्री शाह ने पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो की स्थापना से पचासवें वर्ष में प्रवेश तक सभी कार्मिकों को बधाई देते हुए कहा कि अगर कोई संस्था 50 साल तक चलती है तो साबित होता है कि उस संस्था के काम में दम है और काम करने वालों में भी दम है.
इसी कार्यक्रम में आये गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने कहा कि आज आतंकवाद, नक्सलवाद, अपराध, कानून व्यवस्था आदि अनेक चुनौतियां हैं इसलिए ऐसी तकनीक विकसित होनी चाहिए कि अपराध होने से पहले ही रोका जा सके. श्री रेड्डी ने कहा कि इसके लिए लगातार आधुनिकीकरण भी जरूरी है. उनका कहना था कि स्मार्ट पुलिस की संकल्पना को साकार करना है और जनता की अपेक्षा पर खरा उतरने के लिए विशेष प्रशिक्षण की आवश्यकता है. जी किशन रेड्डी का कहना था कि आज ऑनलाइन फ्रॉड तथा साइबर क्राइम सहित यातायात के नियमों पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है.
इस मौके पर भारत सरकार के गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और बीपीआरडी के महानिदेशक वीएसके कौमुदी सहित पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे.