जब आईटीबीपी के मस्तमौला, प्रिन्स, सितारा और रॉक ने योग किया

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ITBP jawans performed yoga on the back of four horses for an hour.

मस्तमौला, प्रिन्स, सितारा और रॉक …! भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी-ITBP) के ये चार घोड़े और साथ ही उन पर सवार जवान चंडीगढ़ के सेक्टर 17 प्लाज़ा में मनाये गये पांचवें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम के सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र बने रहे. जितने दिलचस्प इनके नाम है उतना ही दिल लुभाने वाला इनका काम और प्रवृत्ति है. अनुशासित, मेहनती इन खूबसूरत घोड़ों को सजा संवारकर यहाँ लाया गया था. जबरदस्त संतुलन और इनका आपसी तालमेल तो सच में ऐसा था मानो किसी मशीन का हिस्सा हों.

यहाँ योग दिवस कार्यक्रम में पंजाब के राज्यपाल और चंड़ीगढ़ के प्रशासक वीपी सिंह बदनोर के अलावा प्रशासन और पुलिस बड़े अधिकारी, कर्मचारी और नागरिकों के साथ साथ भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल के अधिकारी और जवान भी खासी तादाद में थे. योग व्यायाम करते तकरीबन साढ़े तीन हज़ार लोगों के बीच इन घोड़ों और इनके सवारों पर सबसे ज्यादा नज़र जाती थी. इनकी पीठ पर सवार जवान बेहद सधे हुए तरीके से जब तक किसी आसन की मुद्रा में होते तब तक घोड़े भी एकदम तने रहते थे. मजाल है जो इंच भर भी इधर से उधर हों. ये भी कोई दस पन्द्रह मिनट नहीं, पूरे घंटा भर वो भी इतनी भीड़ के बीच विचलित हुए बिना.

यहाँ आये भारत तिब्बत सीमा पुलिस बल (आईटीबीपी) के डिप्टी कमान्डेंट रामेश्वर राणा बताते हैं कि इन घोड़ों को इनके सवारों के साथ छह महीने की खास ट्रेनिंग दी गई. यूँ तो आईटीबीपी के घोड़े अंतर्राष्ट्रीय खेलों तक में हिस्सा ले चुके हैं लेकिन ये पहला मोका है जब घोड़ों ने योग कार्यक्रम में हिस्सा लिया हो.

अधिकारी बताते हैं कि वैसे ये व्यायाम सवार के साथ साथ घोड़े के लिए भी आरामदायक है. वैसे इतने लोगों के बीचोंबीच घोड़ों को संतुलित रखकर व्यायाम करना बेहद मुश्किल काम होता है जिसके लिए घोड़े और उसके सवार की मेहनत, लगन और धैर्य बहुत चाहिए. आईटीबीपी के इन घोड़ों को चंडीगढ़ के पास बरवाला से तड़के तीन बजे वाहनों पर लाया गया था और यहाँ 5 बजे वो मुस्तैद हो गये थे.

एक अन्य अधिकारी बताते हैं कि इनके दिलचस्प नाम इनके काम और प्रवृत्ति से मेल खाते हैं जिससे इनका रिकॉर्ड रखने में भी आसानी होती है. यूँ तो भानू स्थित प्रशिक्षण केंद्र में 38 घोड़े हैं लेकिन यहाँ के कार्यक्रम में इन चार को ही चुना गया जोकि भीड़ के बीच औरों के मुकाबले ज्यादा शांत और संतुलित रह कर व्यायाम कार्यक्रम में हिस्सा ले सकते हैं.