वैष्णों देवी में बलिदान हो यात्रियों को बचाया, CRPF जवान को जीवन रक्षक मेडल

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सीआरपीएफ के हवलदार हरविंदर सिंह
सीआरपीएफ के हवलदार हरविंदर सिंह के रूप में वर्दी में आए भगवान और ना जाने कितने श्रद्धालुओं को बचा लिया. उन्हें मरणोपरांत प्रधानमंत्री के जीवन रक्षक पुलिस पदक से सम्मानित किया गया. Photo/CRPF

माता वैष्णों देवी के दर्शन करने आये यात्रियों की रक्षा करते हुए अपनी जान की बाज़ी लगाने वाले सीआरपीएफ के हवलदार हरविंदर सिंह को प्रधानमंत्री के जीवन रक्षक पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है. सीआरपीएफ की, जम्मू कश्मीर में तैनात छठी बटालियन के हवलदार हरविंदर को (मरणोपरांत) इस मेडल से सम्मानित करने का निर्णय सरकार ने वैसे किया दो साल के बाद है. औरों को बचाने के लिए अपने जीवन का बलिदान करने पर, दिए जाने वाले उच्च श्रेणी के पदक/सम्मान में इस मेडल की गिनती होती है.

जिस हादसे में हरविंदर के प्राण गये वो 24 अगस्त 2016 का है और अगर हरविंदर अपनी जान की बाज़ी न लगाता तो कई लोगों की जान जाती. उस दिन हरविंदर वैष्णों देवी तीर्थ यात्रा के मार्ग पर, चेकिंग और तलाशी लेने की ड्यूटी पर था जब उसकी नजर उस जगह पर पड़ी जहां अचानक पहाड़ खिसक रहा था और मलबे में फंसी महिलाएं और उनके साथ के कुछ बच्चे मदद के लिए पुकार रहे थे. हरविंदर ने पलक भी नहीं झपकी और उनकी तरफ दौड़ पड़ा. उसने उन पथरों की भी परवाह नहीं की जो ऊपर से लुढ़क कर उसी की तरफ आ रहे थे. हरविंदर ने मलबे में फंसे तीर्थयात्रियों को तो निकाल लिया लेकिन इसी दौरान ऊपर से आया एक भारी भरकम पत्थर तेजी से लुढ़कते हुए आया और हरविंदर पर ऐसा गिरा कि उसके नीचे दबा ये हवलदार फिर कभी न उठ सका. हरविंदर ने प्राण त्याग दिये.

हरविंदर का कारनामा सीआरपीएफ के उस संकल्प की प्रतिबद्धता की ऊँचे दर्जे की मिसाल है जिसमें भारत की सुरक्षा और इसके नागरियों को बचाने का काम हर सूरत मेंन करने का वादा किया जाता है.