श्रीगंगानगर(राजस्थान), एलओसी : पावर बैकअप और सौर सोल्यूशन में अग्रणी कंपनी सु-कैम ने राजस्थान के श्री गंगानगर जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की चौकियों को सौर ऊर्जा से रोशन करने की एक अनूठी पहल की शुरुआत की है.
बीएसएफ सैनिकों को ग्रिड द्वारा नियमित बिजली कनेक्शन से अपने संचार और सुरक्षा उपकरणों को रिचार्ज करने के लिए अपने बेस शिविरों में लंबी दूरी तय करना पड़ती थी, अब सौर ऊर्जा की पहुँच अन्तर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर उनके पोस्ट में होगी जिससे उनको अपने उपकरणों को रिचार्ज करने के लिए बेस कैम्प से दूर नहीं जाना होगा.
- अन्तर्राष्ट्रीय सीमा के पास स्थित ये सुरक्षा चौकियां उनके नियमित आवासीय कैम्प से बहुत दूर हैं और उपकरण रिचार्ज करने के लिए बिजली की कोई स्थायी व्यवस्था नहीं है.
सु-कैम पॉवर लिमिटेड के प्रबंध निदेशक कुंवर सचदेव ने कहा कि “इस तरह की पहल की शुरुआत हमने सौर ऊर्जा को प्रोत्साहन और बढ़ावा देने की दृष्टि से की है. देश के जवान हमें सुरक्षित रखने के लिए निरंतर सीमा पर चौकसी करते हैं इसलिये 24 घंटे बिजली आपूर्ति उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण है ताकि उन्हें निगरानी करने में किसी भी तरह की बाधा न आये. हालाँकि, असमान भौगोलिक क्षेत्र होने के कारण बिजली की परेशानी होती है जिसकी वजह से जवानों को बहुत असुविधा होती है, इस पहल से उनकी बिजली की जरूरतें पूरी होने में मदद मिलेगी.”
बीएसएफ की प्रत्येक चौकी पर सु-कैम के 1.5 किलोवाट का ब्रेनी इको सौर इन्वर्टर (1600/24 वी) लगाया गया है, जिसमें 500 वाट का सोलर पैनल और बैटरी होती है और यह रोशनी के साथ-साथ दो-तीन पंखों के लिए भी बिजली प्रदान करेगा. बैट्री में स्टोर बिजली का उपयोग जवान, सूर्यास्त के बाद भी कर सकते हैं. वायरलेस सिस्टम या मोबाइल फ़ोन को चार्ज करने के लिए उन्हें 4-5 किलोमीटर की दूरी तय करके अपने शिविर तक नहीं जाना पड़ेगा तथा वे अपनी चौकी पर ही अपने उपकरण को चार्ज कर सकेंगे.
इससे पहले 2016 में, सु-कैम ने भारत-पाक सीमा के पास जैसलमेर में प्रसिद्ध तनोत माता मंदिर में एक सौर ऊर्जा प्रणाली स्थापित की थी. इस मंदिर की व्यवस्था का प्रबंधन बीएसएफ द्वारा किया जाता है. 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान हुयी अनेक चमत्कारिक घटनाओं के लिए यह मंदिर प्रसिद्ध है. पाकिस्तानी सेना ने मंदिर को लक्ष्य करके तीन हजार से अधिक बम गिराए लेकिन एक भी विस्फोट नहीं हुआ! पाकिस्तानी टैंक रेजिमेंट ने बड़े बड़े बम के गोले रखे लेकिन एक बम विस्फोट नहीं हुआ.
सु-कैम के इंजीनियरों ने एक किलोवाट सौर उर्जा उत्पादन के लिए साइनी 250/12 वी यूपीएस स्थापित किया, यह मंदिर नियंत्रण रेखा से करीब 10 किलोमीटर दूर है.
- 1965 युद्ध के बाद ऐसा कहा जाता है कि मंदिर के प्रबंधन ने इसकी सुरक्षा और जिम्मेदारी भारतीय सीमा सुरक्षा बल को सौंप दी तब से अब तक इस मंदिर की देखरेख बीएसएफ सैनिकों द्वारा ही की जाती है. मंदिर में एक संग्रहालय भी बनाया गया था जिसमें अभी भी वो सभी बम रखे हुए हैं जो कि पाकिस्तान टैंक द्वारा भारत पर बरसाए गये थे.
पाकिस्तान ने जब 1971 में दोबारा भारत पर आक्रमण किया था तो वो युद्ध चार दिनों तक चला था जिसमें पाकिस्तान अपने टैंको के साथ डटा हुआ था लेकिन फिर भी वह उस मंदिर को नुकसान नहीं पहुँचा सके.
सु-कैम पावर सिस्टम्स लिमिटेड
सु-कैम पावर सिस्टम्स लिमिटेड भारत की सबसे बड़ी पॉवर सलूशन कंपनी में से एक है, जिसकी दुनिया भर के 90 देशों में मौजूदगी है और इस क्षेत्र में एकमात्र ऐसी कंपनी है जिसका इस क्षेत्र में 100 से अधिक पेटेंट है जो कि अपने आप में एक रिकॉर्ड है. यह 250 से अधिक उत्पादों का विनिर्माण करती है जिसमें विभिन्न सौर उत्पाद, यूपीएस, बैटरी और कस्टमाइज्ड सोलर सोल्युसन्स भी शामिल हैं. सु-कैम ‘मेक इन इंडिया’ का एक सफल उदाहरण है, सु-कैम के दुनिया भर के कई देशों में 50 हजार से ज्यादा चैनल पार्टनर हैं. ‘सुपरब्रांड’ का खिताब जीतने वाली भारत की पहली पावर सॉल्यूशंस कंपनी, इंडिया-इंक के अनुसार सु-कैम को सबसे तेजी से बढ़ने वाली कंपनियों में गिना जाता है.