बहादुरी की एक और कहानी सीआरपीएफ की 180 वीं बटालियन के संजय कुमार की

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सीआरपीएफ की 180 वीं बटालियन के संजय कुमार (फाइल फोटो)

बहादुरी के लिए तीन बार पुलिस मेडल से सम्मानित किये जा चुके केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) के अधिकारी संजय कुमार ने एक बार फिर कमाल कर दिखाया और चौथी बार अपनी शूरवीरता का नमूना पेश किया. हालांकि इस बार आतंकियों से मुकाबला करते हुए उन्हें गोली भी लग गई लेकिन जिस मुकाबले में वे घायल हुए उसमें तीन आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया.

असल में ये मुठभेड़ कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल क्षेत्र के हयाना गाँव में तब शुरू हुई, जब मंगलवार की शाम सुरक्षा बलों की साझा टीम ने आतंकवादियों की धरपकड़ के लिए घेराबंदी और तलाशी अभियान (CASO) शुरु किया. इसमें सीआरपीएफ की 180वीं बटालियन, 44 राष्ट्रीय राइफल्स और त्राल की स्पेशल आपरेशन ग्रुप (SOG) की टीमें शामिल थीं. तलाशी अभियान के दौरान शाम सवा पांच बजे दोनों पक्षों के बीच गोलीबारी शुरू हुई.

सीआरपीएफ की टीम का नेतृत्व कर रहे 180 वीं बटालियन के 2 आईसी (Second in Command इसी दौरान) संजय कुमार की बांह में गोली लगी. उन्हें तुरंत 92 बटालियन अस्पताल में भर्ती कराया गया. बाद में आपरेशन करके बांह में धंसी गोली डाक्टरों ने निकाल दी. फिलहाल संजय कुमार अस्पताल के आई सी यू (ICU) में हैं और उनकी हालत स्थिर बनी हुयी है.

वहीं, मुठभेड़ शुरू होते ही दो आतंकवादियों को सुरक्षा बलों ने तुरंत ढेर कर दिया लेकिन उनका तीसरा साथी मुकाबला करता रहा जिसे बाद में मार डाला गया. मुठभेड़ ख़त्म होने पर तीनों आतंकियों की लाशें वहां से बरामद की गयीं. उस जगह से एक असाल्ट राइफल (AK 47 ) और तीन पिस्तौलें भी बरामद हुयीं हैं.

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