नई दिल्ली. सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) की 62वीं बटालियन ने विशेष अभियान के तहत 24 जुलाई को 2.69 किलोग्राम वजन की भगवान बुद्ध की प्राचीन मूर्ति इंडो-नेपाल बॉर्डर से जब्त की है. अष्टधातु की इस बेशकीमती प्राचीन मूर्ति की सही कीमत का अभी पता नहीं लगा है लेकिन इसकी कीमत करोडों में बताई जा रही है.
एसएसबी की प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक सशस्त्र सीमा बल की 62वीं बटालियन, भींगा (यूपी) के जवानों ने सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर सीमा पिलर संख्या -634/07 के पास प्राचीन मूर्ति तस्करों को पकड़ने के लिए एक अभियान चलाया. ये तस्कर नेपाल से भारत में तस्करी करने का प्रयास कर रहे थे. जवानों ने सीमावर्ती पिलर संख्या -634/07 से लगभग 15 मीटर की दूरी पर नो मैन्स लैंड के पास दो व्यक्तियों को संदिग्ध स्थिति में देखा. सुरक्षा बलों को देखते ही दोनों संदिग्ध अपने सामान को छोड़कर नेपाल के सुइया गांव की ओर भाग गए. नो मैन्स लैंड की एरिया में सर्च करने के दौरान एक सफ़ेद बैग से प्राचीन (अष्टधातु) मूर्ति को बरामद किया गया.
प्राचीन मूर्ति का वजन 2.690 किग्रा है और इसका मूल्य अभी तक निर्धारित नहीं किया गया है,लेकिन इसका मूल्य करोड़ों में होने का अनुमान है. प्राचीन मूर्ति को उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले के सिरसिया पुलिस स्टेशन को सौंप दिया गया. इस साल सशस्त्र सीमा बल ने अष्टधातु के चार मामलों में साढे पांच करोड़ की प्राचीन मूर्तियां जब्त की हैं एवं तीन तस्करों को गिरफ्तार किया है.
अष्टधातु (आठ धातुएं)
अष्टधातु एक मिश्रित धातु है जो सोना, चांदी, तांबा, सीसा, जस्ता, टिन, लोहा और पारा (रस) से मिलकर बनती है. इस मिश्रित धातु का प्रयोग हिंदू और जैन प्रतिमाओं को बनाने में किया जाता है. हालांकि प्राचीन ग्रंथों में पारा को धातु नहीं माना गया है.