भारत तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी – ITBP) के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए रिफ्रेशर ट्रेनिंग फिटनेस कोर्स अनिवार्य किया जा सकता है. इस कोर्स का सिलेबस तैयार करने के लिए महानिरीक्षक (आईजी) स्तर के अधिकारी की अगुआई में पांच सदस्य वाला बोर्ड गठित किया गया है. मानसिक दबाव और दुरूह क्षेत्रों में तैनाती जैसी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए भारत तिब्बत सीमा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के लिए ये फिटनेस कोर्स होगा.
कमान्डेंट और इससे ऊपर के रैंक के तमाम अधिकारियों के लिए इस फिटनेस कोर्स को करना अनिवार्य होगा चाहे वो सामान्य ड्यूटी में हों या गैर सामान्य तैनाती हो. आईटीबीपी कैडर में अभी तकरीबन 1700 अधिकारी है जो अधिकतम आईजी तक का दर्जा हासिल कर सकते हैं. वहीं जल्द ही कैडर रिव्यू की संभावना को देखते हुए इन अधिकारियों की तादाद बढ़ने की भी उम्मीद है. कोर्स तैयार करने वाले बोर्ड में आईटीबीपी के प्रशिक्षण केंद्र के अलावा अन्य तैनाती वाले क्षेत्रों के अधिकारियों को भी सदस्य के तौर पर शामिल किया गया है.
कुछ अरसा पहले आईटीबीपी के महानिदेशक कार्यालय ने अधिकारियों की शारीरिक फिटनेस को लेकर एक आदेश भी जारी किया था जिसमें इस तरह के कोर्स का ज़िक्र था जो 3 – 4 सप्ताह का हो. ये भी कहा गया था कि इस कोर्स के पाठ्यक्रम में थ्योरी के साथ साथ मानसिक और शारीरिक मज़बूती को ध्यान में रखा जाए.
आईटीबीपी की मुख्य तैनाती पहाड़ी क्षेत्रों में है खास तौर से भारत-चीन सीमा वाले बेहद सर्दी वाले हिमालयी इलाकों में. यहाँ के हालात बेहद चुनौतीपूर्ण रहते हैं और शारीरिक मज़बूती में कमी जवानों और अधिकारियों को तरह तरह की बीमारियों की जद में खींच लेती है.
हाल के ही एक सर्वे में पता चला है कि अति ऊंचाई वाले इलाकों में तैनाती के दौरान 20 प्रतिशत जवानों और अधिकारियों का स्वास्थ्य प्रभावित हुआ है या उन्हें सर्दी में होने वाले जख्मों से जूझना पड़ता है. इसके अलावा बदले लाइफ स्टाइल से मोटापा, हाइपरटेंशन, मधुमेह जैसी समस्याएं गम्भीर रोगों का रूप ले लेती हैं. कोर्स को बनाते वक्त इन तमाम हालात और कारणों को ध्यान में रखा जा रहा है.