केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) में तत्कालीन निदेशक आलोक वर्मा के साथ विवाद की वजह से चर्चा में आये आईपीएस अधिकारी राकेश अस्थाना ने दुनिया की सबसे बड़ी सीमा प्रबन्धन बल यानि सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के प्रमुख का ओहदा संभाल लिया है. अस्थाना भारतीय पुलिस सेवा के गुजरात कैडर के 1984 बैच के अधिकारी हैं. दिल्ली में अमूल्य पटनायक के बाद किसी बाहर के कैडर के अधिकारी को पुलिस कमिश्नर बनाये जाने की चर्चा के दौरान भी आईपीएस राकेश अस्थाना का नाम मीडिया में उछला था.
सरकारी आदेश के मुताबिक़ अस्थाना 31 जुलाई 2021 तक बीएसएफ (Border Security Force – BSF) के महानिदेशक रहेंगे. साथ ही साथ उन्हें अतिरिक्त प्रभार सौंपते हुए राष्ट्रीय स्वापक ब्यूरो (नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो -एनसीबी) का महानिदेशक भी बनाया गया है.
गुजरात से 2014 में राकेश अस्थाना सीबीआई में प्रति नियुक्ति पर आये थे. लेकिन बाद में दिल्ली पुलिस कमिश्नर के ओहदे से सीबीआई के डायरेक्टर बनाये गए आलोक वर्मा से उनका विवाद इस कदर बढा कि आलोक वर्मा ने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले में एफ आई आर तक दर्ज करवा दी. मीट के एक बड़े कारोबारी मोइन कुरैशी के हवाले से राकेश अस्थाना पर रिश्वत लेने का इलज़ाम लगा था. मोइन कुरैशी ने कहा था कि आईपीएस राकेश अस्थाना ने उसके खिलाफ दर्ज एक केस में मदद करने की बदले में 2 करोड़ 95 लाख रूपये की घूस ली थी. अपने खिलाफ दर्ज हुई एफ आई आर के बाद अस्थाना ने भी आलोक वर्मा के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज करवा दी थी. मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया. राकेश अस्थाना और आलोक वर्मा को हटाया गया और छुट्टी पर भेज दिया गया लेकिन आलोक वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया और सीबीआई प्रमुख का फिर काम संभाला. लेकिन इसके बाद सरकार ने उनका तबादला कर दिया. आलोक वर्मा ने अन्य चार्ज नहीं लिया और रिटायर हो गये. सरकार ने राकेश अस्थाना के साथ साथ आलोक वर्मा को भी सीबीआई से हटा दिया था. राकेश अस्थाना को विशेष निदेशक के पद पर सीबीआई में तरक्की देना भी विवाद की एक वजह रहा. राकेश अस्थाना को नागरिक विमानन सुरक्षा का महानिदेशक बना दिया गया था.
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने राकेश अस्थाना को बी एस एफ की कमान सौंपने का निर्णय लिया था. इसी समिति ने आंध्रप्रदेश कैडर के 1986 बैच के आईपीएस अधिकारी वीएसके कौमुदी को गृहमंत्रालय में आंतरिक सुरक्षा का विशेष सचिव स्पेशल नियुक्त किया गया है. वे अभी ब्यूरो ऑफ पुलिस रिसर्च एंड डवलपमेंट (BPR&D) के महानिदेशक के तौर पर काम कर रहे थे. उनके साथ ही 1986 बैच के उत्तरप्रदेश कैडर के आईपीएस अधिकारी और सीआरपीएफ के विशेष महानिदेशक जावेद अख्तर को फायर सर्विस, सिविल डिफेंस और होम गार्ड का महानिदेशक बनाया गया है.