सुकमा – बीजापुर में भीषण घमासान : 28 सुरक्षाकर्मी शहीद, 9 नक्सली भी मरे

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सुकमा - बीजापुर बॉर्डर
सीआरपीएफ के शहीद हुए जवान

भारत में नक्सलियों के गढ़ वाले राज्य छत्तीसगढ़ में सुकमा – बीजापुर बॉर्डर पर जंगल का इलाका एक ऐसी भीषण वारदात का गवाह बना जिसमें भारतीय सुरक्षा बलों के कई जवानों की जानें गई और कई जवान लापता बताये जा रहे हैं. शनिवार को दिल दहला देने वाली ये दरअसल एक मुठभेड़ थी जो उस वक्त हुई जब नक्सलियों ने वहाँ से गुजर रहे सुरक्षा बलों पर घात लगाकर हमला किया. हमलावर नक्सलियों ने आधुनिक हथियार भी चलाए और भारतीय सुरक्षा बलों के जवानों के हथियार भी वे लूट ले गए. नक्सलियों के हौसले इस कदर बढ़े हुए थे कि घटना स्थल पर गिरे जवानों के पहने हुए जूते तक खोल कर ले गए.

समाचार लिखे जाने तक 24 जवानों की शहादत की सूचना थी इनमें केन्द्रीय रिज़र्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की कोबरा बटालियन के 9 जवान भी थे. इस मुठभेड़ में 9 नक्सली भी मारे गये हैं.

सुकमा - बीजापुर बॉर्डर
शहीदों को अंतिम विदाई

वारदात के बाद घंटों तक सुरक्षाकर्मियों के शव वहां पर थे और उन्हें निकाला नहीं जा सका था. दरअसल यहां जब बचाव दल पहुंचा तो नक्सलियों ने उस दल पर भी हमला कर दिया था. उन्हें भी आई ई डी ब्लास्ट का सामना करना पड़ा. हालात इतने खतरनाक हद तक बिगड़ गये कि पहले वाले हमले में शहीद हुए 20 सुरक्षाकर्मियों के शव खोज तो लिए गए लेकिन उन्हें वहां से निकालने के लिए केन्द्रीय एजेंसियों के अलावा भारतीय वायुसेना तक की मदद लेनी पडी.

यूँ हुआ घमासान :

सुकमा - बीजापुर बॉर्डर
सुकमा – बीजापुर बॉर्डर पर मौका ए वारदात

ये जगह बीजापुर के तर्रेम इलाके में जोनागुडा पहाड़ियों के पास का जंगल है जहां नक्सलियों ने उन तकरीबन 700 सुरक्षाकर्मियों को शनिवार को घेर लिया था जो नक्सल विरोधी कार्रवाई को अंजाम देने के लिए इस इलाके में आये थे. कुछ दिन पहले सूचना मिली थी कि यहाँ नक्सली बड़ी तादाद में अड्डा बनाकर छिपे हुए हैं. आसमानी स्त्रोत से इस इलाके की मिली कुछ तस्वीरें भी ऐसी गतिविधियां होने का इशारा कर रही थीं. वैसे तो शुक्रवार को ही सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन, बस्तरिया बटालियन और स्पेशल टास्क फ़ोर्स के जवानों ने अपना अभियान शुरू कर दिया था लेकिन शनिवार दोपहर को तकरीबन 700 जवानो को नक्सलियों ने पहले एम्बुश लगाकर फंसा लिया, आई ई डी से ब्लास्ट किया और फिर तीन तरफ से घेरकर फायरिंग शुरू कर दी. नक्सलियों ने असॉल्ट राइफलों से लेकर रॉकेट लांचर तक से हमला किया. दोपहर से लेकर शाम तक करीब पांच घंटे ये मुठभेड़ चली. हथियारबंद नक्सलियों और उनके समर्थकों की तादाद भी सैकड़ों में थी. इसके बाद सूचना ये तक मिली कि नक्सली जवानों के शव ट्रेक्टर ट्राली में डालकर साथ ले गये.

सुकमा - बीजापुर बॉर्डर
सुकमा – बीजापुर बॉर्डर पर मौका ए वारदात

पहले कुछ बड़ा प्लान था :

ये वारदात अचानक नहीं हुई है. इस इलाके में पिछले कुछ दिनों से नक्सलियों, सरकार और सुरक्षाबलों के बीच जुड़ी कुछ गतिविधियां चल रही थीं. सूचना है कि सीआरपीएफ के एडीजी (ऑपरेशन) जुल्फिकार हंसमुख, केंद्र सरकार के सलाहकार और सीआरपीएफ के पूर्व महानिदेशक के. विजय कुमार पिछले महीने से रायपुर, जगदलपुर और बीजापुर के बीच के क्षेत्र में हैं. 17 मार्च को नक्सलियों ने तीन शर्तों के साथ शान्ति प्रस्ताव भी रखा था. नक्सलियों ने एक बयान जारी करके कहा था की जनता के हित में वे राज्य सरकार से बातचीत करने को तैयार हैं. उनकी तीन शर्ते थी. पहली ये कि इलाके से सशस्त्र बलों को हटाया जाये और दूसरी, माओवादी संगठनों पर लगाई गई पाबंदी हटाई जाये. उनकी तीसरी शर्त थी कि जेल में बंद उनके नेताओं को बिना किसी बंदिश या शर्त के रिहा किया जाए.

सुकमा - बीजापुर बॉर्डर
सुकमा – बीजापुर बॉर्डर पर मौका ए वारदात

हैरानी की बात है की प्रस्ताव के सप्ताह भर बाद ही 23 मार्च को नक्सलियों ने तर्रेम थाना क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर हमला किया था. नक्सलियों ने नारायणपुर में बम धमाके किये थे ये तब की बात है जब सुरक्षा बलों के साझा दस्ते खोजी अभियान पर निकले हुए थे. उस वक्त सिलगेर के जंगल में नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया था. इस हमले में 5 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए थे. हालांकि तब जवानों ने भी जवाबी कार्रवाई की थी.

शनिवार की घटना के बाद सीआरपीएफ के महानिदेशक कुलदीप सिंह छत्तीगढ़ पहुँच गये. पता चला है कि कुछ जवान अब भी लापता हैं. कई घायल भी हैं. कोबरा बटालियन के 9, डीआरजी के 8 , एसटीएफ के 6 और बस्तरिया बटालियन का 1 जवान शहीद होने वालों में हैं.

राष्ट्रपति और प्रधानमन्त्री ने शोक जताया :

भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुरक्षाकर्मियों की शहादत पर शोक ज़ाहिर किया है. उन्होंने कहा है कि दुःख की इस घडी में पूरा देश शहीद जवानों के शोक संतप्त परिवारों के साथ खड़ा है. भारत के प्रधानमन्त्री नरेद्र मोदी ने जवानों की शहादत पर दुःख ज़ाहिर किया है. उन्होंने कहा कि वीर जवानों के बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता. मेरी संवेदनाएं छत्तीसगढ़ में शहीद हुए जवानों के परिवार वालों के साथ हैं. प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने ज़ख़्मी जवानों के जल्द सेहतमंद होने की कामना भी की.